12.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

अफगानिस्तान में बंधक बने बगोदर के दो मजदूरों की रिहाई नहीं हुई

अफगानिस्तान में बंधक बने बगोदर प्रखंड के दो मजदूरों की रिहाई नहीं होने से उनके परिजन परेशान हैं. अफगानिस्तान में महुरी के हुलास महतो और घाघरा के प्रसादी महतो को इस वैश्विक महामारी के दौरान कंपनी ने कहां रखा है, परिजन नहीं जानते. अब तक उनका सुराग नहीं मिल पाने से उनकी परेशानी बढ़ गयी है.

काम करने गये थे सात मजदूर, दो साल पहले चार की हो चुकी है रिहाई

बंधक परिवार को कंपनी दे रही पैसा

बगोदर : अफगानिस्तान में बंधक बने बगोदर प्रखंड के दो मजदूरों की रिहाई नहीं होने से उनके परिजन परेशान हैं. अफगानिस्तान में महुरी के हुलास महतो और घाघरा के प्रसादी महतो को इस वैश्विक महामारी के दौरान कंपनी ने कहां रखा है, परिजन नहीं जानते. अब तक उनका सुराग नहीं मिल पाने से उनकी परेशानी बढ़ गयी है.

गये थे ट्रांसमिशन लाइन में काम करने : विदित हो कि बगोदर प्रखंड के तीन मजदूर समेत सात भारतीय मजदूर विगत आठ मई 2018 को अफगानिस्तान में केईसी ट्रान्समिशन लाइन में काम करने गये थे. इसी दौरान अफगानिस्तान में तालीबानी बंदूकधारियों ने वाहन में सवार सात भारतीय मजदूरों को अपहृत कर लिया था. इनमें बगोदर के महुरी गांव के हुलास, घाघरा के प्रकाश और प्रसादी महतो, टाटी झरिया के बेडम के काली महतो, बिहार और केरल से दो मजदूर शामिल हैं.

चार की हो चुकी है रिहाई : अपहरण की सूचना के बाद रिहाई को लेकर विदेश मंत्रालय व अफगानिस्तान सरकार से वार्ता के बाद सात भारतीय मजदूरों में चार को एक साल पूर्व रिहा कर दिया गया.

परिजनों की उम्मीद टूटने लगी : महुरी के हुलास महतो की पत्नी प्रमिला देवी कहती है कि गत दो सालों से कंपनी के किसी भी लोग से बात नहीं हो रही है. अब उम्मीद भी टूट चुकी है. प्रमिला कहती है कि भले ही कंपनी पैसा दे रही है, पर उसके बाद भी घर के मुखिया की कोई सूचना नहीं देने से डर बना रहता है. घाघरा के प्रसादी महतो की पत्नी मुलिया देवी कहती है कि इस लॉकडाउन में सभी आसपास के मजदूर घर लौट गये हैं.

उम्मीद जगी कि उसके पति घर आयेंगे, पर उम्मीदों पर पानी फिर गया. प्रसादी के पुत्र मोहन महतो का कहना है कि लॉकडाउन के पहले कंपनी से बात हुई थी. आश्वासन दिया गया था कि 15 दिनों में रिहाई हो जायेगी, पर लॉकडाउन के बाद कंपनी की ओर से कोई जवाब नहीं मिल रहा है. प्रवासी मजदूरों के हित में काम करने वाले सामाजिक कार्यकर्ता सिकंदर अली ने सरकार से मामला को संज्ञान लेने की मांग की है.

परिजनों ने आवेदन नहीं दिया है : एसडीओ

बगोदर-सरिया के एसडीओ रामकुमार मंडल ने कहा कि अभी तक परिजनों ने कोई आवेदन नहीं दिया गया है. आवेदन देने के बाद डीसी के संज्ञान में यह मामला दिया जायेगा. इसके बाद ही आगे की पहल की जायेगी.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें