उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने कहा कि राजद प्रमुख लालू प्रसाद ने 2017 में करोड़ों रुपये की बेनामी संपत्ति के आरोप में घिरे पुत्र तेजस्वी प्रसाद यादव से इस्तीफा न दिलवा कर सत्ता गंवा दी, लेकिन बिंदुवार जवाब नहीं दिया. अब एक अनुभवहीन दागी युवा को सीएम कैंडीडेट के रूप में प्रोजेक्ट करने की उनकी जिद महागठबंधन पर भारी पड़ेगी.
बिहार भाजपा के वरिष्ठ नेता सुशील मोदी ने आगे कहा कि महागठबंधन में दूसरी सबसे बड़ी पार्टी कांग्रेस ने पिछले लोकसभा चुनाव में एक सीट हासिल कर अपनी प्रतिष्ठा बचायी, जबकि सबसे बड़े दल होने का अहंकार रखने वाला राजद जीरो पर आउट हुआ. इसके बावजूद सहयोगी दलों के प्रति राजद का तानाशाही रवैया नहीं बदला. विधान परिषद के पांच सदस्यों के पार्टी छोड़ने से राजद में टूट और महागठबंधन में बिखराव के आसार बढ़े.
गौर हो कि बहुचर्चित चारा घोटाला मामले में सजायाफ्ता राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव अभी जेल में बंद है. वहीं इस साल के अंत में होने वाले बिहार विधानसभा चुनाव के पहले राजद कुनबे में अंदरूनी कलह जारी है. जबकि, महागठबंधन में शामिल प्रमुख घटक दल हिंदुस्तान अवाम मोरचा के प्रमुख जीतनराम मांझाी और रालोसपा प्रमुख व पूर्व केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा के तेवर से राष्ट्रीय जनता दल में खलबली मची हुई है.
ऐसे में लालू प्रमुख लालू प्रसाद की गैरमौजूदगी में बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के सामने कई चुनौतियां है. वहीं एनडीए के प्रमुख नेताओं की ओर आगामी विधानसभा चुनाव में महागठबंधन को पराजित कर एक बार फिर से सत्ता में आने के दावे किये जाते रहे है.
Posted by Samir Kumar