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Corona Vaccine: विश्व स्तरीय मानदंडों के अनुसार तैयार हो रहा है भारतीय कोरोना वैक्सीन, ICMR ने कही यह बात

नयी दिल्ली : आईसीएमआर (इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च) ने भारतीय कंपनी भारत बायोटेक द्वारा विकसित कोरोनावायरस की वैक्सीन 'कोवैक्सीन' के परीक्षण को मंजूरी देने की प्रक्रिया में तेजी लाने का निर्देश दिया है. इस वैक्सीन को 15 अगस्त तक भारत में लॉन्च करने की योजना है. आईसीएमआर ने चुनिंदा अस्पतालों से कहा है कि वे भारत बॉयोटेक के सहयोग से विकसित किए जा रहे संभावित टीके ‘कोवैक्सीन’ को परीक्षण के लिए मंजूरी देने की प्रक्रिया तेज करें.

नयी दिल्ली : आईसीएमआर (इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च) ने भारतीय कंपनी भारत बायोटेक द्वारा विकसित कोरोनावायरस की वैक्सीन ‘कोवैक्सीन’ के परीक्षण को मंजूरी देने की प्रक्रिया में तेजी लाने का निर्देश दिया है. इस वैक्सीन को 15 अगस्त तक भारत में लॉन्च करने की योजना है. आईसीएमआर ने चुनिंदा अस्पतालों से कहा है कि वे भारत बॉयोटेक के सहयोग से विकसित किए जा रहे संभावित टीके ‘कोवैक्सीन’ को परीक्षण के लिए मंजूरी देने की प्रक्रिया तेज करें.

समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक आईसीएमआर ने शनिवार को एक बयान जारी कर रहा है कि ICMR की प्रक्रिया विश्व स्तर पर स्वीकृत मानदंडों के अनुसार, कोरोना महामारी की रोकथाम के लिए तेजी से टीका विकसित करने के लिए है, जिसका मानव और पशुओं पर समान रूप से परीक्षण किया जा सके. एक बड़े सार्वजनिक स्वास्थ्य हित में इस वैक्सीन के परीक्षण में तेजी लाना आवश्यक है.

आईसीएमआर के ‘कोवैक्सीन’ को परीक्षण के लिए मंजूरी देने की प्रक्रिया तेज करने पर विशेषज्ञों का कहना है कि इस तरह की समय सीमा यथार्थवादी नहीं है. मौजूदा समय में क्लिनिकल परीक्षण के लिए 12 स्थलों की पहचान की गयी है और आईसीएमआर ने चिकित्सकीय संस्थाओं एवं प्रमुख जांचकर्ताओं से यह सुनिश्चित करने को कहा है कि विषय नामांकन सात जुलाई से पहले शुरू हो जाए.

भारत के पहले स्वदेशी संभावित कोविड-19 टीके ‘कोवैक्सीन’ को डीसीजीआई से मानव पर परीक्षण की हाल में अनुमति मिली है. ‘कोवैक्सीन’ को हैदराबाद की कंपनी भारत बायोटेक ने भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) और राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान (एनआईवी) के साथ मिलकर विकसित किया है.

इससे अलग काडिला हेल्थकेयर लिमिटेड का हिस्सा जायडस ने शुक्रवार को बयान जारी कर कहा कि इसे अधिकारियों से कोविड-19 टीका के लिए मानवीय परीक्षण की अनुमति मिली है. जायडस ने कहा कि संभावित टीका जाईकोव-डी का जानवरों पर अध्ययन में ‘मजबूत प्रतिरोधक क्षमता’ दिखी और इससे उत्पादित एंटीबॉडी वायरस को पूरी तरह निष्क्रिय करने में सक्षम थे.

दूसरी ओर एक विपक्षी दल माकपा ने कोवैक्सीन के परीक्षण में तेजी लाने पर सरकार पर निशाना साधा है. माकपा महासचिव सीताराम येचुरी ने शनिवार को आरोप लगाया कि आईसीएमआर कोरोना वायरस का टीका बनाने की प्रक्रिया तेज करने की कोशिश कर रही है, ताकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्वतंत्रता दिवस पर इसके संबंध में घोषणा कर सकें. उन्होंने कहा कि वैज्ञानिक अनुसंधान ‘आदेश के अनुसार’ नहीं किया जा सकता.

येचुरी ने ट्वीट किया, ‘टीका वैश्विक महामारी के लिए सबसे निर्णायक समाधान होगा. विश्व ऐसे सुरक्षित टीके का इंतजार कर रहा है, जिसकी दुनियाभर में पहुंच हो.’ उन्होंने कहा, ‘लेकिन… वैज्ञानिक अनुसंधान आदेश के हिसाब से नहीं किया जा सकता. स्वास्थ्य एवं सुरक्षा नियमों संबंधी सभी नियमों को दरकिनार कर कोविड-19 के उपचार के लिए स्वदेशी टीका विकसित करने के लिए दबाव बनाया जा रहा है, ताकि प्रधानमंत्री मोदी स्वतंत्रता दिवस पर इसकी घोषणा कर सकें. इसकी मानव जीवन को भारी कीमत चुकानी पड़ सकती है.’

Posted By: Amlesh Nandan Sinha.

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