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कोरेंटिन तोड़ते हुए संक्रमित युवक पैसे लेने पहुंचा बैंक, मैनेजर समेत सभी कर्मचारी कोरेंटिन, बैंक किया गया बंद…

मुजफ्फरपुर: बेतिया शहर में कोरोना संक्रमण की रोकथाम को लेकर किये जा रहे दावे में बड़ी लापरवाही सामने आयी है. दो दिन पहले आधा दर्जन व्यवसायिक घरानों, दो राजनीतिक परिवारों व प्राॅपर्टी डीलर के करीबी रहने वाले जिस युवक में कोरोना का संक्रमण मिलने पर उसे कोरेंटिन किया गया था, वह युवक कोरेंटिन तोड़ते हुए गुरुवार को पैसा निकालने हरिवाटिका स्थित बैंक ऑफ बड़ौदा की शाखा में जा पहुंचा.

मुजफ्फरपुर: बेतिया शहर में कोरोना संक्रमण की रोकथाम को लेकर किये जा रहे दावे में बड़ी लापरवाही सामने आयी है. दो दिन पहले आधा दर्जन व्यवसायिक घरानों, दो राजनीतिक परिवारों व प्राॅपर्टी डीलर के करीबी रहने वाले जिस युवक में कोरोना का संक्रमण मिलने पर उसे कोरेंटिन किया गया था, वह युवक कोरेंटिन तोड़ते हुए गुरुवार को पैसा निकालने हरिवाटिका स्थित बैंक ऑफ बड़ौदा की शाखा में जा पहुंचा.

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मैनेजर समेत सभी कर्मचारी होम कोरेंटिन

मामला शुक्रवार को उजागर होने पर बैंक को सील कर दिया गया है. मैनेजर समेत सभी कर्मचारी होम कोरेंटिन किये गये हैं. उक्त युवक को जीएमसीएच में आइसोलेशन वार्ड में दाखिल करा दिया गया है.बैंक मैनेजर एके सुमन ने बताया कि शुक्रवार को उन्हें युवक के कोरोना पॉजिटिव होने की जानकारी मिली. इसके बाद उन्होंने इसकी सूचना प्रशासन को दी.

फिलहाल बैंक को कुछ दिनों के लिए बंद कर दिया गया

फिलहाल बैंक को कुछ दिनों के लिए बंद कर दिया गया है. नगर परिषद की टीम बैंक परिसर को सैनिटाइज करने में जुटी है. बैंक सूत्रों की माने तो गुरुवार को शाखा में पहुंचे युवक ने अच्छी खासी रकम निकाली थी. उस समय तक बैंक कर्मियों को उसके संक्रमित होने की जानकारी नहीं थी. चूंकि युवक शहर के राजनीतिक परिवार, व्यवसायिक घरानों और प्रॉपर्टी डीलर का करीबी है, ऐसे में बैंक के अधिकारियों व कर्मचारियों से उसकी अच्छी पहचान है. वह अक्सर लेनदेन के सिलसिले में बैंक जाया करता था.

शहर में सामुदायिक संक्रमण का बढ़ा खतरा

शहर में सामुदायिक संक्रमण का खतरा काफी बढ़ गया है. चर्चा है कि उक्त युवक शहर के एक प्रतिष्ठित शोरूम संचालक के पार्टनर के रूप में कार्य करता था. ऐसे में उसका उठना-बैठना शहर के प्रतिष्ठित लोगों के साथ था. इसमें कई राजनीति परिवार, व्यवसायिक घरानों और प्राॅपर्टी डीलर भी संपर्क में थे. अब उसके बैंक पहुंचने के खुलासे के बाद कांटैक्ट ट्रेसिंग भी चुनौती बन गयी है.

स्वास्थ्य विभाग व प्रशासन के दावों पर उठ रहे सवाल

स्वास्थ्य विभाग व प्रशासन की ओर से दावा किया जा रहा है कि जिनकी सैपलिंग की जा रही है या फिर जिनमें संक्रमण मिल रहा है, उन्हें होम कोरेंटिन किया जा रहा है.लक्षण दिखने पर उन्हें आइसोलेशन वार्ड में लाया जा रहा है. स्वास्थ्य विभाग के इस दावे को यदि सही मान लें कि युवक जब बैंक गया था तो उसकी कोरोना रिपोर्ट नहीं मिली थी. ऐसे में सवाल यह उठता है कि सैपलिंग करने के बाद क्या उसे कोरेंटिन नहीं किया गया था. यदि कोरेंटिन किया गया था तो वह युवक बैंक कैसे पहुंच गया?

Posted by : Thakur Shaktilochan Shandilya

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