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पीएम मोदी के लद्दाख दौरे पर चीन की पहली प्रतिक्रिया, कहा – हमारी सोच विस्तारवादी नहीं

नयी दिल्ली : लद्दाख में एक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दौरे और खरी-खरी चेतावनी के बाद चीन की ओर से प्रतिक्रिया आयी है. लद्दाख में सैनिकों को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने चीन को विस्तारवादी बताया. इस पर प्रतिक्रिया देते हुए चीन ने कहा कि हम विस्तारवादी सोच नहीं रखते हैं. कई देशों के साथ हमने शांतिपूर्ण तरीके से सीमा विवाद सुलझाया है.

नयी दिल्ली : लद्दाख में एक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दौरे और खरी-खरी चेतावनी के बाद चीन की ओर से प्रतिक्रिया आयी है. लद्दाख में सैनिकों को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने चीन को विस्तारवादी बताया. इस पर प्रतिक्रिया देते हुए चीन ने कहा कि हम विस्तारवादी सोच नहीं रखते हैं. कई देशों के साथ हमने शांतिपूर्ण तरीके से सीमा विवाद सुलझाया है.

प्रधानमंत्री मोदी ने विस्तारवादी राष्ट्रों के खिलाफ कड़ा संदेश दिया. मोदी ने कहा, ‘विस्तारवाद की जिद किसी पर सवार हो जाती है तो उसने हमेशा विश्व शांति के सामने खतरा पैदा किया है. और यह न भूलें इतिहास गवाह है. ऐसी ताकतें मिट गई हैं या मुड़ने को मजबूर हो गयी है.’ प्रधानमंत्री की टिप्पणी के ठीक बाद चीन ने भारत में अपने दूतावास की ओर से प्रतिक्रिया दी और प्रधानमंत्री के इस बयान को ‘आधारहीन और अतिरंजित.’ बताया.

भारत में चीनी दूतावास के प्रवक्ता ने कहा, ‘चीन ने अपने 14 पड़ोसी देशों में से 12 के साथ शांतिपूर्ण वार्ता के माध्यम से सीमा का निर्धारण किया है और भूमि सीमाओं को मैत्रीपूर्ण सहयोग के बंधन में बदल दिया है. चीन को विस्तारवादी के रूप में देखना, अतिरंजना और पड़ोसियों के साथ अपने विवादों को गढ़ने के लिए यह आधारहीन है.’

उधर, चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान ने कहा, ‘चीन और भारत सैन्य तथा राजनयिक माध्यमों से एक दूसरे के साथ संपर्क में हैं. किसी भी पक्ष को ऐसा कदम नहीं उठाना चाहिए जो सीमा पर हालात को जटिल बना दे.’ उन्होंने कहा, ‘भारतीय पक्ष को चीन पर गलत रणनीतिक अनुमान नहीं लगाना चाहिए। हमें उम्मीद है कि वह हमारे द्विपक्षीय संबंधों की समग्र तस्वीर को बनाये रखने के लिए चीन के साथ मिलकर काम करेगा.’

लद्दाख क्षेत्र को 130 करोड़ भारतीयों के मान-सम्मान का प्रतीक करार देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि भारतीय सेना ने जो पराक्रम दिखाया, उससे दुनिया को भारत की ताकत का संदेश मिल गया. साथ ही उन्होने किसी देश का नाम लिये बिना कहा कि विस्तारवाद” का युग समाप्त हो चुका है और यह युग विकासवाद का है. प्रधानमंत्री मोदी ने इस दुर्गम पर्वतीय क्षेत्र में भारतीय सेना के जवानों को संबोधित करते हुए यह बात कही.

इससे पहले आज मोदी ने अचानक लेह पहुंच कर वहां सैनिकों का मनोबल बढ़ाया. भारत और चीन की सेना के बीच पूर्वी लद्दाख में जारी तनाव के बीच प्रधानमंत्री का यह दौरा काफी महत्व रखता है. उन्होंने अपने संबोधन में यह भी कहा, ‘कमजोर कभी शांति की पहल नहीं कर सकता और वीरता ही शांति की पूर्व शर्त होती है.’ प्रधानमंत्री ने कहा, ‘लद्दाख का ये पूरा हिस्सा, भारत का मस्तक है. 130 करोड़ भारतीयों के मान सम्मान का प्रतीक है. यह भूमि भारत के लिए सर्वस्व त्याग करने के लिए हमेशा तैयार रहने वाले राष्ट्रभक्तों की धरती है.’

उन्होंने गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ हुई हिंसक झड़प का संकेत करते हुए कहा, ‘आपने और आपके साथियों ने जो वीरता दिखायी है, उसने पूरी दुनिया में यह संदेश दिया है कि भारत की ताकत क्या है.’ उन्होंने कहा, ‘देश के वीर सपूतों ने गलवान घाटी में जो अदम्य साहस दिखाया है वह पराक्रम की पराकाष्ठा है. देश को आप पर गर्व है, नाज है.’

Posted By: Amlesh Nandan Sinha.

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