रांची : देवघर के बाबा बैद्यनाथ धाम मंदिर में पूजा और श्रावणी मेले के आयोजन को लेकर झारखंड हाइकोर्ट में दायर जनहित याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई हुई. मामले की सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस डॉ रवि रंजन और जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद की खंडपीठ ने देवघर में श्रावणी मेला आयोजित नहीं करने के राज्य सरकार के फैसले में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया.
हालांकि, खंडपीठ ने श्रावणी मेला का आयोजन नहीं होने पर असंतोष भी जताया. खंडपीठ ने कहा कि कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण के मद्देनजर इस बार देवघर में श्रावणी मेला आयोजित नहीं हो पायेगा. कांवर यात्रा भी नहीं निकलेगी. ऐसे में बाबा बैद्यनाथ धाम मंदिर में होनेवाली पूजा का लाइव वेबकास्ट किया जाये.
मखंडपीठ ने राज्य सरकार को आदेश दिया कि वह माता वैष्णो देवी और बाबा विश्वनाथ की तर्ज पर सावन के पहले दिन (छह जुलाई) से ही बाबा बैद्यनाथ के वर्चुअल (ऑनलाइन) दर्शन की व्यवस्था सुनिश्चित करे. सुनवाई के दाैरान खंडपीठ ने इस तथ्य को महसूस किया कि मंदिर में कुछ श्रद्धालुओं को जाने की अनुमति नहीं दी जा सकती है.
यह अन्य भक्तों के लिए भेदभावपूर्ण होगा. इसके बजाय वर्चुअल दर्शन समस्या का समाधान है. शुक्रवार को दो बार मामले की सुनवाई हुई. पहले सत्र में सुनवाई के दाैरान प्रार्थी की दलील के बाद खंडपीठ ने आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव को तलब किया.
उल्लेखनीय है कि प्रार्थी गोड्डा के सांसद डॉ निशिकांत दुबे ने जनहित याचिका दायर की थी. प्रार्थी की अोर से अधिवक्ता खुशबू कटारूका और अधिवक्ता रवि प्रकाश मिश्र ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये पक्ष रखा. उन्होंने कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए सख्त दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए ऐतिहासिक श्रावणी मेला के आयोजन पर जोर दिया.
सांसद निशिकांत दुबे की ओर से दायर जनहित याचिका पर हाइकोर्ट में हुई सुनवाई
देवघर में इस बार श्रावणी मेले का आयोजन नहीं होने पर खंडपीठ ने जताया असंतोष
कहा : माता वैष्णो और बाबा विश्वनाथ की तर्ज पर वर्चुअल दर्शन की व्यवस्था हो
देवघर भेजे गये 1000 जवान व अफसर
पुलिस मुख्यालय ने 1000 अतिरिक्त जवान और पुलिस अफसर देवघर भेजे हैं. सावन के दौरान देवघर में भीड़ न लगे, यह सुनिश्चित करने के लिए. 15 इंस्पेक्टर, 90 एसआइ और दारोगा, 750 लाठी बल जवान और 100 महिला पुलिसकर्मी वहां तैनात किये जायेंगे. बिहार से देवघर आने वालों को रोकने के लिए पुलिस मुख्यालय के अधिकारियों ने बिहार पुलिस से भी अनुरोध किया है.
राज्य सरकार ने कहा : श्रावणी मेला का आयोजन संभव नहीं
राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता राजीव रंजन ने खंडपीठ को बताया कि सरकार ने कोरोना संक्रमण के समय स्कूल, धार्मिक स्थलों, मॉल आदि को बंद रखा है. इन जगहों को खोलने से कोराना संक्रमण बढ़ने का खतरा है. यह भी बताया कि कोरोना संक्रमण को देखते हुए श्रावणी मेला का आयोजन संभव नहीं है. श्रद्धालुअों की भीड़ होने से संक्रमित व्यक्तियों की पहचान मुश्किल होगी.
संक्रमण रोकना संभव नहीं होगा. दूसरी बार जब सुनवाई शुरू हुई, तो आपदा प्रबंधन के प्रधान सचिव वर्चुअल उपस्थित हुए तथा खंडपीठ के सवालों के जवाब दिये. उन्होंने खंडपीठ को बताया कि श्रावणी मेला के आयोजन से कोरोना का फैलाव बड़े पैमाने पर हो सकता है. मेला में लाखों श्रद्धालु आयेंगे, जिससे भीड़ को रोकना कठिन हो जायेगा. ऐसे में श्रावणी मेला का आयोजन कराना उचित नहीं होगा.
Post By : Pritish Sahay