Aasif Sheikh Bhabhiji Ghar Par Hai : लोकप्रिय शो भाबीजी घर पर हैं (Bhabhiji Ghar Par Hai) की शूटिंग शुरू हो गयी है. इस शो के दर्शक ही नहीं बल्कि शो के अभिनेता आसिफ शेख (Aasif Sheikh) उर्फ विभूति नारायण मिश्रा (Vibhuti Narayan Mishra) भी इस शो और अपने किरदार को बहुत मिस कर रहे थे. वह शूटिंग पर लौटकर बेहद खुश हैं. उर्मिला कोरी से हुई बातचीत के प्रमुख अंश…
विभूति के गेटअप में वापस आकर बहुत खुशी हुई ?
लॉकडाउन में मैं अपने किरदार विभूति नारायण को बहुत मिस कर रहा था. शूटिंग ना कर पाने का बहुत दुख था. सोशल मीडिया पर भाबीजी घर पर हैं के फैंस मुझे लगातार बता रहे थे कि उन्हें यह शो इतना पसंद था कि वे इसका रिपीट टेलीकास्ट भी देख रहे थे.अब जब वापस शूटिंग शुरू हुई और मैंने विभूति नारायण का लुक लिया तो मैं आपको बता नहीं सकता कि मुझे कितनी खुशी हुई.जैसे कोई बहुत बड़ा सुकून मिल गया हो.इस किरदार की वजह से मैंने कॉमेडी जोनर में अपनी एक जगह बना पाया. नेम,फेम् और मनी सबकुछ मिला. लोग मुझे आसिफ की जगह विभूति नारायण बुलाते हैं तो बहुत खुशी मिलती है.एक एक्टर के तौर पर कोई ड्रीम रोल की ख्वाइश बची नहीं क्योंकि इस सीरियल में मैंने बहुत 250 से अधिक अलग अलग किरदार निभाए. 20 बार तो अलग अलग तरह की महिला का किरदार निभाया है. मेरे सेट पर आपको हर साइज वाले महिला से जुड़े मेरे कपड़े मिल जाएंगे.एक बार तो मेरी पत्नी सेट पर आयी थी और मेरे रूम में महिलाओं से सैंडल देखकर सवाल करने लगी थी.मैंने बताया कि जो मैं महिला के किरदार करता हूं उनके हैं तो वो भी हंस पड़ी.
अपना ही नहीं दूसरे की सुरक्षा के लिए भी जिम्मेदार ?
सेट पर पहुँचते ही सबसे पहले हमारे बॉडी का टेम्प्रेचर लिया जाता और फिर ऑक्सीजन का स्तर नापा जाता है.सिर्फ कैमरे के सामने ही हम मास्क उतारते हैं.वरना हमेशा मास्क पहने रहते हैं।हमेशा हाथों को सेनिटाइज करते रहते हैं. मुझे लगता है कि हम सिर्फ अपनी ही नहीं बल्कि दूसरों की भी सुरक्षा के लिए जिम्मेदार हैं.इसलिए मास्क पहने रखता हूं.दूर से सभी को दुआ सलाम करता हूं.घर से खाना मैं हमेशा से लाता था हां अब साथ में सेनिटेशन किट भी रखता हूं.हां पहले के माहौल को मिस करता हूं पहले हम सभी साथ में बैठकर लंच करते थे.बहुत ही बेफिक्र वाला माहौल होता था.अब नहीं कर सकते हैं.समझ आ रहा इसी में बेहतरी है. मुझे लगता है कि धीरे धीरे हम इस बदले हुए माहौल के आदि हो जाएंगे.
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लॉकडाउन में आपने क्या क्या किया ?
लॉकडाउन के पीरियड को भी मैंने सकारात्मक ही लिया. मैंने उस समय का उपयोग अपने अपने परिवार के साथ रिश्ते मजबूत करने में किया.लिखने पढ़ने के अपने पुराने शौक को पूरा किया.कुकिंग में बहुत सारे प्रयोग किए।परिवार के साथ काफी क्वालिटी टाइम बिताया.हमने खूब सारे बोर्ड गेम्स खेले.काफी किस्से सुनाए और सबसे अहम बात हमने घर के कामों को पूरा करने लिए एक यूनिट की तरह काम किया.सबने अपनी भागीदारी दी।साथ ही मैंने इतने सालों में एक बात सीखी है कि किसी को भी यह नहीं सोचना चाहिए कि उसने परफेक्शन हासिल कर लिया है. हर अनुभव हमें कुछ नया सीखाता है और हममें बदलाव लेकर आता है.
Posted By: Budhmani Minj