चंडीगढ़ :पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने प्राइवेट स्कूल संस्थानों को बड़ी राहत देते हुए कहा है कि बिना ऑनलाइन क्लासेज लिए बिना भी स्कूल छात्रों से ट्यूशन फीस वसूल सकेंगे. कोर्ट ने यह फैसला स्कूल द्वारा एक याचिका पर सुनवाई के दौरान कहा. कोर्ट ने कहा कि स्कूलों को फीसद वसूलने का पूरा हक है.
जस्टिस निर्मलजीत कौर ने मामले की सुनवाई के दौरान कहा कि स्कूल छात्रों और अभिभावकों से बस और अन्य फीस वसूलने के लिए अपना नियम बनाएं करें और जितना दिन स्कूल खुला है, उतने दिनों का ही फीस वसूले. इसके अलावा, जिन छात्रों के पास पैसा न हो उनसे फीस नहीं लिया जाए. या उसके फीस को कुछ समय के लिए टाला जाए.
वहीं एक अन्य फैसले में पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार द्वारा आयोजित किए जाने वाले दसवीं के विज्ञान विषय की परीक्षा पर रोक लगा दी है. हाईकोर्ट के जस्टिस मंजरी नेहरू कौल ने हरियाणा के प्राइवेट स्कूल व कई अन्य द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए यह रोक लगाई है. कोर्ट ने सभी पक्षों को सुनने के बाद विज्ञान की परीक्षा पर अंतरिम रोक लगाते हुए सरकार से इसपर जवाब मांगा है. अदालत में दायर याचिका में कहा गया है कि यह समय अनुकूल नहीं है, ऐसे में इसपर रोक लगा दी जाए.
अभिभावकों को भी राहत– द ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार कोर्ट ने अभिभावकों को भी राहत दी है. सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि साल 2020-21 में कोई भी स्कूल फीस नहीं बढ़ा सकेंगे. स्कूल 19-20 में लागू फीस ही छात्रों से ले सकेंगे. इसके अलावा, जिन अभिभावकों की आर्थिक स्थिति लॉकडाउन के दौरान खराब हुई, उनके मामले में स्कूल संवेदनशीलता दिखाते हुए फीस पर ठोस फैसला लेगी.
फीस को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका- इससे पहले, बीते दिनों ही सीबीएसई स्कूलों द्वारा लॉकडाउन के दौरान भी फीस वसूलने का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई है. तीन अभिभावकों ने इसके लिए कोर्ट में याचि दायर कर सुनवाई करने की मांग की है. याचिका में कहा गया है कि स्कूल संचालक लॉकडाउन के दौरान का फीस भी मांग रहे हैं, जो कि अनुचित है.