देश की तीसरी सबसे बड़ी दूरसंचार कंपनी वोडाफोन आइडिया ने बुधवार को कहा कि उच्चतम न्यायालय के निर्देशों के अनुसार सांविधिक बकाए का प्रावधान करने के बाद मार्च 2020 को समाप्त वित्त वर्ष के दौरान उसकी शुद्ध हानि 73,878 करोड़ रुपये रही. यह किसी भी भारतीय कंपनी को हुई अब तक की सबसे बड़ी वार्षिक हानि है.
न्यायालय ने आदेश दिया था कि सांविधिक बकाए की गणना में गैर-दूरसंचार आय को भी शामिल किया जाएगा, जिसके बाद कंपनी को 51,400 करोड़ रुपये चुकाने हैं. कंपनी ने कहा कि इस देनदारी के कारण कंपनी का कामकाम जारी रहने को लेकर गंभीर संदेह पैदा हुए. वोडाफोन आइडिया (वीआईएल) ने शेयर बाजार को बताया कि मार्च तिमाही के दौरान उसका शुद्ध नुकसान 11,643.5 करोड़ रुपये रहा, जो एक साल पहले की समान तिमाही के दौरान 4,881.9 करोड़ रुपये था और अक्टूबर-दिसंबर 2019 तिमाही में 6,438.8 करोड़ रुपये था.
कंपनी ने बताया कि मार्च 2020 तिमाही के दौरान परिचालन से आय 11,754.2 करोड़ रुपये रही. बीते वित्त वर्ष के दौरान कंपनी को 73,878.1 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ. वोडाफोन आइडिया को वित्त वर्ष 2018-19 के दौरान 14,603.9 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था. बता दें कि वोडफोन कंपनियां पहले से घाटे में चल रही थी.
कुछ दिनों पहले कंपनी ने एडजस्टेड ग्रॉस रेवेन्यू मामले पर कोर्ट पहुंची थी, जहां उन्होंने कहा था कि उनके पास अपने कर्मचारियों को सैलेरी देने के लिए पैसे नहीं हैं. तब कोर्ट ने कहा था कि वो बकाया राशि देने के लिए हलफ़नामा दायर करें तब इस पर इस टेलिकॉम कंपनी ने कहा था कि यह बकाया राशि बहुत बड़ी है. वह 3-4 दिन में हलफनामा दाखिल नहीं कर पाएगी.
कंपनी ने कहा कि उसके पास कर्मचारियों को सैलरी देने और खर्चों को पूरा करने के लिए पर्याप्त पैसे भी नहीं हैं. कंपनी ने कोई भी बैंक गारंटी देने में असमर्थता भी जताई. सरकार के अनुसार वोडाफोन आइडिया पर 53,000 करोड़ रुपए बकाया है. इसमें मूलधन के साथ ब्याज और पेनाल्टी शामिल है. अक्टूबर 2019 के बाद से वोडाफोन आइडिया संकट में आया है.
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