रामनगर: स्थानीय प्रखंड के दक्षिण-पश्चिम में सेरवा देवराज गांव स्थित मशान नदी पर करोड़ों रुपये की लागत से नवनिर्मित पुल का एक पाया नदी के जलस्तर बढ़ने के कारण धंसता जा रहा है. हालांकि करीब दो तीन वर्ष पूर्व ही इसके एक पाया के डिस्टर्ब होने के कारण भारी वाहनों के आवागमन पर रोक लगा दी गयी है.
फिलवक्त पुल का मरम्मत सही तरीके से नहीं होने कारण आसपास के ग्रामीणों के बीच आक्रोश का माहौल है. लिहाजा आगामी विधानसभा चुनाव में वोट बहिष्कार का मुद्दा भी बनाने की चर्चा है. बताते है कि यह पुल रामनगर और बगहा एक प्रखंड के दर्जनों गांवों को जोड़ने का कार्य करता है. इसी उद्देश्य के साथ इस पुल का नवनिर्माण कार्य किया गया. लेकिन संबंधित ठेकेदार द्वारा मोटी कमाई की नियत से पुल का निर्माण कार्य इस कदर किया गया कि बनने के कुछ समय बाद ही इसका एक पाया धस गया. वर्तमान समय की बात करें तो मशान नदी का जलस्तर कुछ बढा है. ऐसे में पाया और धंसता जा रहा है.
बिहार राज्य पुल निर्माण निगम द्वारा वर्ष 2012 में इसका निर्माण कार्य कराया गया था. जिसका उद्घाटन सूबे के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा रिमोट के जरिये किया गया था. जब पुल का उद्घाटन हुआ था. उस समय आसपास के गांववालों के बीच खुशी व्याप्त थी. करीब दो तीन वर्ष बाद ही यह खुशी उस समय मायूसी में बदल गयी जब लोगों को सूचना मिली इसका एक पाया धंस गया है.
तब से लेकर अब तक इस पुल पर दुपहिया वाहनों को छोड़ भारी वाहनों के परिचालन पर रोक लगा दी गयी है. जोगिया पंचायत के मुखिया रेयासत हुसैन व सरंपच उपेंद्र तिवारी ने बताया कि आगामी विधानसभा चुनाव तक पुल का पूरी तरह से मरम्मत और आवागमन सुचारु नहीं किया तो पंचायत के लोग वोट का बहिष्कार भी कर सकते हैं.