भागलपुर: सृजन समिति का भागलपुर प्रमंडल सहयोग समितियां द्वारा दोबारा अंकेक्षण करने के निर्णय के बाद ऑडिट की प्रक्रिया शुरू कर दी गयी है. कागजात सोमवार तक उपलब्ध कराने का निर्देश सृजन के प्रशासक को दिया गया है. उसी के हिसाब से ऑडिट शुरू होगा. ऑडिट का काम तीन चरण में करने पर विचार किया गया है. पहले चरण में 2003-04 और 2004 -05 का ऑडिट होगा, जिसके कागजात पहले देने के लिए कहा गया है. दूसरे चरण में 2017 तक का ऑडिट होगा. वर्ष 2017 में ही घोटाला उजागर हुआ था. तीसरे चरण में 2017 से 2020 तक ऑडिट होगा. इसमें कोई लेन-देन नहीं हुआ है.
लिहाजा तीसरे चरण के ऑडिट में समय अधिक नहीं लगेगा. इसमें सिर्फ ब्याज की गणना की जायेगी. एक साल का ऑडिट करने में एक से दो माह लगता है. ऐसे में सबकुछ ठीकठाक रहा, तो 17 साल का ऑडिट करने में कम से कम तीन वर्ष तक का समय लग सकता है.
भागलपुर प्रमंडल की संयुक्त निबंधक सहयोग समितियां की बैठक 19 जून को सृजन के दोबारा ऑडिट कराने के मसले पर हुई थी. संयुक्त निबंधक वीरेंद्र ठाकुर की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में सृजन महिला विकास सहयोग समिति लिमिटेड का दोबारा ऑडिट कराने पर समितियां की मुहर लगायी गयी थी. इससे पहले एके मिश्रा एंड एसोसिएट्स द्वारा ऑडिट कराया गया था, जिसे तत्कालीन निबंधक ने अमान्य कर दिया था. इसके बाद दोबारा ऑडिट करने का निर्णय लिया गया था. इस पर ऑडिट करने की प्रक्रिया शुरू की गयी, लेकिन सृजन के प्रशासक पूरा अभिलेख नहीं दिये जाने का कारण बताते हुए अंकेक्षक ने ऑडिट नहीं किया था.