नयी दिल्ली : देश इस समय कोरोना के खिलाफ जंग लड़ रहा है. लेकिन कोरोना संकट के बीच देश के कई राज्यों पर टिड्डी दल के हमले ने सरकारों की चिंता बढ़ा दी है. इस बीच खबर आ रही है कि टिड्डी दल के हमले से जयपुर एयरपोर्ट पर बड़ा विमान हादसा टल गया है. रनवे पर अचानक बड़ी संख्या में टिड्डी दलों ने आने से विमान जो लैंड करने वाला ही था उसे वापस टेकऑफ करना पड़ा. बताया जा रहा है पायलट की सूझबूझ के कारण बड़ा विमान हादसा टल गया. खबर है इंडिगो की फ्लाइट संख्या दिल्ली से जयपुर पहुंची थी. इस दौरान अचानक टिड्डी दलों का हमला हो गया, जिससे फ्लाइट को दोबारा टेक ऑफ की प्रक्रिया में लेना पड़ा और विमान जयपुर में नहीं उतर सका.
टिड्डियों के दल के पड़ोसी गुरुग्राम और दिल्ली के कुछ सीमावर्ती इलाकों तक पहुंचने के बाद दिल्ली सरकार ने सभी जिलों को हाईअलर्ट पर रखते हुए जिलाधिकारियों से कहा कि वे दमकल विभाग से कीटनाशक के छिड़काव के लिये संपर्क करें ताकि फसलों को नुकसान पहुंचाने वाले इन कीटों के संभावित हमले को रोका जा सके.
दिल्ली के विकास आयुक्त द्वारा जारी एक परामर्श में कहा गया है कि लोग ढोल, बर्तन, तेज आवाज में संगीत बजाकर, पटाखे छोड़कर या नीम की पत्तियों को जलाकर इन टिड्डियों को भगा सकते हैं. परामर्श में लोगों से कहा गया है कि वे अपने घरों के दरवाजे और खिड़कियों को बंद रखें और बाहर लगे पौधों को प्लास्टिक की पन्नियों से ढक दें.
जिलाधिकारियों को यह परामर्श भी दिया गया है कि वे पर्याप्त कर्मियों को तैनात कर ग्रामीणों और लोगों को इन उपायों के बारे में जानकारी उपलब्ध कराएं. इसमें कहा गया, टिड्डियों का दल आम तौर पर दिन में उड़ता है और रात में आराम करता है. इसलिये, उन्हें रात के समय आराम नहीं करने दिया जाना चाहिए.
परामर्श में कहा गया, रात में मैलाथियान या क्लोरपाइरीफॉस का छिड़काव लाभदायक है. सुरक्षा के लिये छिड़काव के दौरान पीपीई किट का इस्तेमाल किया जा सकता है. इससे पहले दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय की अध्यक्षता में वरिष्ठ अधिकारियों की एक बैठक हुई जिसमें उन्हें बताया गया कि टिड्डियों का एक दल दक्षिण दिल्ली के असोला भट्टी इलाके में भी पहुंच गया है.
उन्होंने जिलों के अफसरों से हाई अलर्ट पर रहने को कहा है. अधिकारियों ने बताया कि वन विभाग को टिड्डियों के दल को भगाने के लिये विभिन्न कदम उठाने के निर्देश दिये गए हैं. उन्होंने कृषि विभाग के अधिकारियों से गुरुग्राम से लगे इलाकों का दौरा करने को भी कहा है. अधिकारियों ने बताया कि विकास सचिव, मंडल आयुक्त, निदेशक, कृषि विभाग और दक्षिण तथा पश्चिम दिल्ली के जिला मजिस्ट्रेट बैठक में शामिल हुए.
अधिकारियों ने कहा, हालांकि ऐसा लग रहा है कि इन कीटों प्रकोप से राष्ट्रीय राजधानी फिलहाल बच जायेगी. गौरतलब है कि मई में देश में टिड्डी दलों ने पहले राजस्थान में हमला किया. इसके बाद इन्होंने पंजाब, गुजरात, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश में फसलों को नुकसान पहुंचाया.
विशेषज्ञों के अनुसार, भारत में मुख्य रूप से टिड्डियों की चार प्रजातियां पाई जाती हैं – रेगिस्तानी टिड्डी, प्रवासी टिड्डी, बॉम्बे टिड्डी और वृक्ष टिड्डी. इनमें से रेगिस्तानी टिड्डे को सबसे विनाशकारी माना जाता है. यह कीट तेजी से अपनी संख्या बढ़ाता है और एक दिन में 150 किलोमीटर की दूरी तय करने में सक्षम है. यह कीट अपने शरीर के वजन से अधिक खा सकता है. एक वर्ग किलोमीटर के टिड्डियों के झुंड में लगभग चार करोड़ टिड्डियां हो सकती हैं और ये 35 हजार लोगों के बराबर का अन्न खा सकती हैं. विशेषज्ञ टिड्डियों के इस बढ़ते खतरे की वजह जलवायु परिवर्तन को बताते हैं.
Posted By – Arbind kumar mishra