Shravani Mela: 06 जुलाई से सावन मास शुरू हो रहा है. वहीं, कोरोना संक्रमण आस्था पर भारी पड़ रहा है. इस साल श्रावणी मेला में श्रद्धालु जलाभिषेक नहीं कर पाएंगे. देवघर में हर साल के अनुसार इस बार मेले को लेकर जो तैयारियां होनी चाहिए थीं वो नहीं हो रही हैं. विश्व प्रसिद्द श्रावणी मेला पर कोरोना का संकट गहरा गया है.
सैकड़ों वर्षों से देवघर और दुमका में लगने वाले श्रावणी मेले पर ग्रहण लग गया है. कोरोना काल में राज्य सरकार मेला आयोजित कराने को लेकर कोई भी रिस्क लेना नहीं चाहती. बिहार के सुल्तानगंज से जल लेकर कांवरिया देवघर पहुंचकर देवघर के बाबा धाम स्थित शिवलिंग पर जलाभिषेक करते हैं.
राज्य के कृषि मंत्री और देवघर श्राइन बोर्ड के सदस्य बादल पत्रलेख ने भी देवघर मेला को लेकर कहा कि सरकार को डर है कि कहीं भक्त पैदल ही देवघर पूजा करने ना निकल पड़ें. साथ ही कोरोना का संक्रमण आस्था पर भारी ना पड़ जाए.
श्रावणी मेला में दो से ढाई लाख श्रद्धालु हर दिन बाबा के शिवलिंग पर जलाभिषेक करते हैं. बाबा दरबार में दुनियाभर के श्रद्धालु भक्तों का जमावड़ा पूरे सावन महीने में रहता है. वहीं, केंद्र सरकार ने पहले ही धार्मिक आयोजनों और समागम पर पूरी तरह से रोक लगा रखी है.
हर साल श्रावणी मेला को लेकर डेढ़ माह पहले से पूरी तैयारी शुरू कर दी जाती थी. टेंडर, रूट चार्ट, शिविर और बैरिकेटिंग करने का काम एक महीना पहले ही शुरू हो जाता है. हजारों की संख्या में सुरक्षा बलों को प्रतिनियुक्त किया जाता है. लेकिन वैश्विक महामारी कोरोना के संक्रमण के खौफ से ऐसी कोई तैयारी अभी तक नहीं हो सकी है. ऐसे में श्रावणी मेला का आयोजन को रद्द करने की औपचारिकता ही बाकी रह गई है. क्योंकि सावन मास शुरू होने में सिर्फ 09 दिन ही बचा हुआ है.