hanakya Niti Hindi: हिंदू धर्म में लक्ष्मी जी को धन की देवी माना गया है. धन की आवश्यकता सभी लोगों को होती है. चाणक्य ने भी व्यक्ति के लिए धन यानि लक्ष्मी को एक बेहद जरूरी बताया है. सभी व्यक्तियों के जीवन में धन का क्या महत्व है इस पर भी आचार्य चाणक्य ने विस्तार से वर्णन किया है. चाणक्य स्वयं श्रेष्ठ अर्थशास्त्री थे ऐसे में वे धन की उपयोगिता और सार्थकता के बारे में भली-भांति जानते थे.
चाणक्य के अनुसार लक्ष्मी की प्राप्ति आसान नहीं है. इसके लिए व्यक्ति को साधना, परिश्रम और अनुशासन को अपनाना पड़ता है, जिस प्रकार से एक योगी पुरुष अपनी तपस्या को पूर्ण करता है. चाणक्य के अनुसार धन की देवी लक्ष्मी ऐसे लोगों के पास जाना पसंद नहीं करती हैं.
लक्ष्मी जी देर तक सोने वाले लोगों से रूष्ठ जाती हैं. शास्त्र में भी कहा गया है कि व्यक्ति को सूर्योदय से पूर्व जाग जाना चाहिए. सूर्यास्तकाल में नहीं सोना चाहिए. अधिक देर तक सोने से व्यक्ति के जीवन में आलस आता है और कार्य क्षमता को प्रभावित करता है.
लक्ष्मी जी स्वच्छता को विशेष वरियता देती हैं. जहां पर साफ सफाई का पूरा ध्यान रखा जाता है. वहीं, गंदगी नहीं होती है और घर, व्यापारिक प्रतिष्ठान और कार्यस्थल पर स्वच्छता का ध्यान रखा जाता है वहां पर लक्ष्मी जी को रहना अच्छा लगता है.
जहां कलह होती है. वहां लक्ष्मी जी को जाना कतई पसंद नहीं है. वहीं जो व्यक्ति गलत बोलता है. दूसरों का अपमान करता है. निंदा करता है. ऐसे लोगों को भी लक्ष्मी जी पसंद नहीं करती हैं.
लोग अपने घर के सफाई कर लेते है, लेकिन वे अपने शरीर पर गंदे वस्त्र पहनते है, उसे लक्ष्मी जी भी नहीं अपनाती. बाहरी सफाई के साथ साथ स्वयं की स्वच्छता का भी पूरा ध्यान रखना चाहिए. क्योंकि जो स्वयं गंदे वस्त्र पहनता है. स्वच्छता को नहीं अपनाता है.