कुजू का एक युवक रांची यूनिवर्सिटी में पढ़ाई कर रहा था. सपना था कि पढ़ाई खत्म करने के बाद सरकारी नौकरी में जायेगा. रांची यूनिवर्सिटी के उसके पाठ्यक्रम में एक विषय था रूरल डेवलपमेंट.
इस विषय के सिलसिले में कभी कभी युवक का गांवों में जाना होता था. किसानों से मुलाकात करना होता था. खेती के तौर तरीकों की पढ़ाई करनी होती थी. इसी दौरान युवक को किसी किसान ने बताया कि, अगर सही तरीके से खेती की जाये. सही तकनीक का उपयोग किया जाये और खेती के लिये डेडिकेशन हो तो इसमें नौकरी से ज्यादा आमदनी होती है.
ये बात सुनी तो छात्रों की पूरी टीम ने थी लेकिन ध्यान केवल एक ने ही दिया था. नाम, नागेश्वर महतो उर्फ चंदू.