India China Face off, galwan valley : वास्तविक नियंत्रण रेखा यानी LAC पर चीन के इरादे ठीक नजर नहीं आ रहे हैं. टीवी रिपोर्ट के अनुसार 15-16 जून की रात बिहार रेजिमेंट (Bihar Regiment ) के जवानों ने पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) के जिस टेंट को तहस-नहस कर दिया था वहां फिर से उसी तरह का स्ट्रक्चर खड़ा करने का काम चीन की ओर से किया गया है. गलवान घाटी में पैट्रोल पॉइंट 14 के पास टेंट जैसा स्ट्रक्चर दिख रहा है. इसकी पुष्टि भारतीय सैनिकों (indian army) की ओर से की गयी है. सैटेलाइट इमेज में भी वह स्ट्रक्चर वहीं पर नजर आ रहा है.
चीन के इस कृत्य से यह साफ हो जाता है कि कमांडर-लेवल पर हुई बातचीत में बनी सहमति का हमारे पड़ोसी देश ने उल्लंघन किया है. जानकारों की मानें तो दोनों देशों के बीच तनाव कम हो सकता है लेकिन चीन के इस कदम से उसके और बढ़ने की संभावना है.
चीन गलवान घाटी में झड़प की जगह के पास ही बचाव के लिए बंकर बना रहा है. इस जगह पर चीन ने छोटी-छोटी दीवारें और खाई बनायी हैं. ओपन सोर्स इंटेलिजेंस एनालिस्ट ‘डेट्रेस्फा’ ने गलवान घाटी की ताजा सेटेलाइट तस्वीरें जारी कर इस बात का खुलासा किया है. ताजा तस्वीरों से अब चीन की मंशा को लेकर कई सवाल उठने लगे हैं. माना जा रहा है कि चीन बातचीत की आड़ में अपनी सैन्य स्थिति मजबूत कर रहा है.
डेट्रेस्फा के मुताबिक, चीन की पीपल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) पैंगॉन्ग-सो झील इलाके में अभी भी डेरा जमा रखा है. यही नहीं इसकी मौजूदी छोटे-छोटे समूहों में बढ़ती जा रही है. पैंगॉन्ग-सो के 19 किमी दक्षिण में ज्यादा सपॉर्ट पोजिशन दिख रही है. बता दें कि भारत और चीन की सेनाओं के बीच बातचीत के बाद बीजिंग ने गलवान से अपनी सेना हटाने को लेकर सहमति जतायी थी.
पैंगॉन्ग-सो को लेकर भारत और चीन के बीच स्थिति अभी भी तनावपूर्ण बनी हुई है. बताया जा रहा है कि चीन यहां से हटने के लिए तैयार नहीं है. चीन ने इस इलाके में कई नये बंकर बना लिये हैं. चीन ने फिंगर-4 से लेकर फिंगर-8 तक आठ किमी के ऊंचाई वाले इलाकों पर कब्जा कर लिया है. सूत्रों के मुताबिक, अगर सबकुछ प्लान के मुताबिक रहा, तो धीरे-धीरे पैंगॉन्ग-सो को छोड़कर अन्य इलाकों से सैनिक हटेंगे. पैंगॉन्ग-सो में अभी चीनी सेना हटने के मूड में नहीं दिखायी दे रही है. इधर, चीन ने झड़प के लिए भारत को जिम्मेदार बताया है.