एन बीरेन सिंह की मुख्यमंत्री की कुर्सी मणिपुर में बच गयी है, इसके तारणहार बने हैं हिमंता विश्व शर्मा, जिन्होंने मणिपुर में बीजेपी की किला बचाने में अहम भूमिका निभाई है. गौरतलब है कि राज्यसभा चुनाव से ठीक पहले बीजेपी के तीन साथी ने भाजपा छोड़ कांग्रेस का दामन थाम लिया था इसके बाद उनकी सहयोगी पार्टी नेशनल पीपुल्स पार्टी के 4 मंत्री भी नाराजगी के कारण सरकार से समर्थन वापस ले लिया था. इसमें एनपीपी कोटे से डिप्टी सीएम बने जय कुमार सिंह भी शामिल थे.
तृणमूल कांग्रेस के एक निर्दलीय विधायक भी बीरेन सिंह सरकार से समर्थन वापस ले लिया था, जिसके बाद मणिपुर सरकार अल्पमत में आ गई थी. राज्य सभा चुनाव में भाजपा को मणिपुर की एकमात्र सीट में जीत मिली जिसके बाद बीजेपी को लगा कि वो यह मुद्दा जल्द ही सुलझा सकती है, इसके बाद भाजपा ने इसकी कवायद शुरू कर दी, इसकी कमान एक बार फिर उन्होंने हिमंता विश्व शर्मा को ही दी.
इसके बाद पूर्वोत्तर राज्यों में बीजेपी के संकट मोचक कहे जाने वाले हिमंता विश्व शर्मा ने मोर्चा संभालते हुए नेशनल पीपुल्स पार्टी के चारो नाराज विधायक के साथ मिल कर दिल्ली की ओर रुख किया और बुधवार शाम अमित शाह से मुलाकात किया. जिसके बाद वो नाराज विधायक मान गए. और नेशनल पीपुल्स पार्टी ने फिर से बीजेपी को समर्थन देने की बात कह डाली.
मीटिंग खत्म होने के बाद हिमंता ने ट्वीट करके इसकी जानकारी दी, उन्होंने कहा कि मेघालय के मुख्यमंत्री कोरनाड संगमा और मणिपुर के डिप्टी सीएम जय कुमार सिंह के नेतृत्व में एनपीपी का प्रतिनिधिमंडल गृहमंत्री अमित शाह से मिला. इस दौरान एनपीपी और बीजेपी ने मिलकर मणिपुर के विकास के लिए कार्य करने का फैसला किया. इसके बाद जम्मू-कश्मीर के साथ पूर्वोत्तर के बीजेपी प्रभारी राम माधव ने दावा किया कि यह पार्टी के लिए एक बड़ी जीत है क्योंकि राज्य में राजनीतिक संकट के बीच राज्यसभा के लिए बीजेपी ने जीत हासिल की है.