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S-400: चीन से तनाव के बीच भारत को रूस जल्द देगा दुनिया का सबसे खतरनाक हथियार

Rajnath singh in Russia, S-400: लद्दाख के गलवान घाटी में भारतीय और चीनी सैनिकों के साथ हुई हिंसक झड़प के बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह रूस के दौरे पर हैं. मंगलवार को रूस के उप प्रधानमंत्री युरी इवानोविक बोरिसोव ने भारत के रक्षा मंत्री से मुलाकत की जिसके बाद बड़ी खबर सामने आयी है. और वो ये कि मॉस्‍को ने भारत को यह भरोसा द‍िलाया है क‍ि वह जल्‍द महाविनाशक कहे जाने वाले एस-400 म‍िसाइल ड‍िफेंस स‍िस्‍टम की आपूर्ति करेगा.

Rajnath singh in Russia, S-400: लद्दाख के गलवान घाटी में भारतीय और चीनी सैनिकों के साथ हुई हिंसक झड़प के बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह रूस के दौरे पर हैं. मंगलवार को रूस के उप प्रधानमंत्री युरी इवानोविक बोरिसोव ने भारत के रक्षा मंत्री से मुलाकत की जिसके बाद बड़ी खबर सामने आयी है. और वो ये कि मॉस्‍को ने भारत को यह भरोसा द‍िलाया है क‍ि वह जल्‍द महाविनाशक कहे जाने वाले एस-400 म‍िसाइल ड‍िफेंस स‍िस्‍टम की आपूर्ति करेगा.

रक्षा मंत्री के एक ट्वीट से इस बात के संकेत मिलते हैं. राजनाथ सिंह ने ट्वीट किया, , रूस के उपप्रधानमंत्री यूरी बोरिसोव के साथ एक शानदार बैठक हुई. भारत और रूस विशेष और विशेषाधिकार प्राप्त सामरिक भागीदारी करते हैं और रक्षा संबंध इसके महत्वपूर्ण स्तंभों में से एक है. हमने अपने रक्षा सहयोग की समीक्षा की और इसके विस्तार के तरीकों पर चर्चा की. उन्होंने लिखा मुझे भरोसा दिलाया गया है कि जो समझौते किए जा चुके हैं, उन्हें जारी रखा जाएगा. यही नहीं कई मामलों में इनको बहुत कम समय में पूरा किया जाएगा.

बता दें कि भारत और रूस के बीच 2018 में दुनिया के सबसे अडवांस्ड एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम एस-400 की डील 5 अरब डॉलर यानी 40,000 करोड़ रुपये में फाइनल हुई थी. रूसी अखबार स्‍पूतनिक न्‍यूज की रिपोर्ट के मुताबिक भारत सरकार ने एस-400 मिसाइल डिफेंस सिस्‍टम को जल्‍दी देने का आग्रह किया था और रूस इस पर तैयार हो गया है.

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चीन की बात को किया नजरअंदाज

बता दें कि रूस ने रक्षा हथियारों की भरोसा ऐसे समय पर द‍िया है जब चीन ने अपील की थी क‍ि रूस भारत को हथियार न दे. चीन के अखबार पीपुल्स डेली ने फेसबुक पर ‘सोसायटी फॉर ओरियंटल स्टडीज ऑफ रूस’ नाम के ग्रुप में लिखा है- विशेषज्ञ कहते हैं कि अगर रूस को चीनी और भारतीयों के दिल पिघलाने हैं, तो भारत को ऐसे संवेदनशील वक्त में हथियार नहीं देने चाहिए. दोनों एशियाई ताकतें रूस की करीबी सहयोगी हैं. मगर, रूस ने चीन की इस अपील को नजरअंदाज कर दिया.

बता दें कि लद्दाख में चीन के साथ सीमा विवाद के बीच रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह इस समय तीन दिन के रूस के दौरे पर हैं. वो बुधवार को रूस की विक्ट्री डे परेड के 75 साल पूरा होने पर आयोजित कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे. सूत्रों की मानें तो भारत रूस से हथियारों को लेकर जो डील हुई है उनकी जल्द डिलीवरी की मांग हुई है, जिसमें फाइटर एयरक्राफ्ट, टैंक और सबमरीन शामिल हैं. रूस के साथ बड़े हथियारों के साथ करार में सबसे अहम है एस-400 डिफेंस सिस्टम है. एस-400 मिसाइल डिफेंस सिस्टम भारत को दिसंबर 2021 तक मिलना था, लेकिन कोविड-19 की वजह से उसकी डिलीवरी में देरी हो रही है.

एस-400 डिफेंस सिस्टमः क्यों है दुनिया का सबसे खतरनाक हथियार

एस-400 एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम है, जो दुश्मन के एयरक्राफ्ट को आसमान से गिरा सकता है. रिपोर्ट के मुताबिक, एस-400 को रूस का सबसे अडवांस लॉन्ग रेंज सर्फेस-टु-एयर मिसाइल डिफेंस सिस्टम माना जाता है. यह दुश्मन के क्रूज, एयरक्राफ्ट और बलिस्टिक मिसाइलों को मार गिराने में सक्षम है. यह एक बार में 36 टारगेट पर वार करने में सक्षम है. यह सिस्टम देश में होने वाले किसी भी संभावित हवाई हमले का पता लगाएगा. सिस्‍टम अत्‍या‍धुनिक रडारों से लैस है. उपग्रहों की जरिए यह दुश्‍मनों की तमाम जानकारी जुटाता है. इसके आधार पर यह बताया जा सकता है कि लड़ाकू विमान कहां से हमला कर सकते हैं. इसके अलावा यह एंटी-मिसाइल दागकर दुश्मन विमानों और मिसाइलों को हवा में ही खत्म कर सकता है. जानकारी के मुताबिक, इसमें चार तरह की मिसाइल होती हैं. एक मिसाइल 400 किमी की रेंज वाली होती है, दूसरी 250 किमी, तीसरी 120 और चौथी 40 किमी की रेंज वाली होती है.

Posted By: Utpal kant

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