रांची : कोल ब्लॉक नीलामी मामले में कांग्रेस पार्टी राज्य सरकार के फैसले के साथ खड़ी रहेगी. कांग्रेस विधायक दल के नेता सह संसदीय कार्य मंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि कोयला का राष्ट्रीयकरण कांग्रेस के कार्यकाल में हुआ था. सीसीएल, बीसीसीएल समेत कोयला की अधिकांश बड़ी कंपनियां कांग्रेस पार्टी की देन है. अब केंद्र सरकार इनका निजीकरण करना चाह रही है.
केंद्र सरकार हर फैसला हड़बड़ी में ले रही है. कोल ब्लॉक नीलामी मामले में केंद्र सरकार को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मशविरा कर करना चाहिए था, लेकिन केंद्र ने एकतरफा फैसला लेते हुए कोल ब्लॉक की नीलामी का फरमान जारी कर दिया, जो अनुचित है. नीलामी के पहले केंद्र को राज्य सरकार की कठिनाइयों से अवगत होना चाहिए था. इसके बाद ही कोई भी फैसला लेना चाहिए था.
केंद्र सरकार का कोई भी आदेश लागू होता है, तो राज्य सरकार को अधिकार है कि वह इसका सर्वेक्षण कर पता लगाये कि यह जनहित में कितना उपयोगी है. इधर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष रामेश्वर उरांव ने कहा की कोरोना संकट काल का नाजायज फायदा उठा कर केंद्र सरकार ने आपदा को अवसर में बदलने की साजिश रची है, ताकि कोरोना संकट में केंद्र सरकार के इस फैसले का विरोध नहीं हो सके.
प्रदेश राजद ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पुतला दहन किया : कोल ब्लॉक नीलामी के खिलाफ मंगलवार को प्रदेश राजद की ओर से विरोध प्रदर्शन किया गया. अलबर्ट एक्का चौक पर पार्टी कार्यकर्ताओं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पुतला फूंका व सरकार विरोधी नारे लगाये. प्रदेश राजद अध्यक्ष अभय सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार की नजर राज्य की जमीन व भू-संपदा पर पड़ गयी है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वैश्विक कोरोना महामारी संकट काल को भी अवसर में बदलने की बात की थी, लेकिन इस बात का अंदाजा किसी को नहीं था कि ज़ब पूरी दुनिया में आर्थिक गतिविधियां ठप है.
वैसे समय में कोल ब्लॉक नीलामी के नाम पर जमीन पर कब्जा कर अपने उद्योगपति साथियों को सौंप दिया जायेगा. युवा राजद के प्रदेश अध्यक्ष रंजन कुमार ने कहा कि कोयला खनन का मसला सिर्फ केंद्र का विषय नहीं है, इसके लिए राज्य की सहमति भी जरूरी है. देश में संघीय ढांचे का सम्मान करते हुए फिलहाल कोल ब्लॉक की प्रक्रिया को स्थगित किया जाना चाहिए.
Post by : Pritish Sahay