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कांग्रेस ने सीडब्ल्यूसी की बैठक में पीएम मोदी पर साधा निशाना कहा, सरकार के कुप्रबंधन के कारण गतिरोध

कांग्रेस की शीर्ष नीति निर्धारण इकाई कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) ने लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर चल रहे गतिरोध पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान को लेकर मंगलवार को उन पर निशाना साधा और पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी ने आरोप लगाया कि चीन के साथ सीमा पर संकट तथा कोरोना वायरस महामारी एवं अर्थव्यवस्था से जुड़े संकट का मुख्य कारण नरेंद्र मोदी सरकार का कुप्रबंधन है .

नयी दिल्ली : कांग्रेस की शीर्ष नीति निर्धारण इकाई कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) ने लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर चल रहे गतिरोध पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान को लेकर मंगलवार को उन पर निशाना साधा और पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी ने आरोप लगाया कि चीन के साथ सीमा पर संकट तथा कोरोना वायरस महामारी एवं अर्थव्यवस्था से जुड़े संकट का मुख्य कारण नरेंद्र मोदी सरकार का कुप्रबंधन है .

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सोनिया ने यह दावा भी किया कि कोरोना संकट और इसके बाद की स्थिति से निपटने में सरकार पूरी तरह विफल रही है और इन सबके बीच वह, पेट्रोल-डीजल की कीमतों में वृद्धि कर लोगों की पीड़ा बढ़ा रही है. वीडियो कांफ्रेस के माध्यम से हुई सीडब्ल्यूसी की बैठक में भारत-चीन गतिरोध, कोविड संकट, अर्थव्यवस्था की स्थिति और पेट्रोल-डीजल के दाम में लगातार हो रही बढ़ोतरी पर चर्चा की गई.

सीडब्ल्यूसी की बैठक में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने एलएसी पर गतिरोध को लेकर सोनिया का समर्थन करते हुए कहा कि सीमा पर जो संकट है, उससे अगर मजबूती से नहीं निपटा गया तो गम्भीर हालात पैदा हो सकते हैं. सोनिया की अगुवाई में हुई बैठक में पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री ने चीन के रुख को स्वीकार करके हमारी सेना के साथ विश्वासघात किया और भारत के रुख को नष्ट कर दिया.

सीडब्ल्यूसी की बैठक गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ हिंसक झड़प में शहीद हुए 20 जवानों को श्रद्धांजलि देने के साथ आरंभ हुई. बैठक के दौरान पूर्व रक्षा मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठनेता ए के एंटनी ने भारत-चीन सीमा पर गतिरोध, पूर्व केंद्रीय मंत्री गुलाम नबी आजाद ने कोरोना महामारी और पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने अर्थवयस्था की स्थिति के बारे में सीडब्ल्यूसी को जानकारी दी.

सीडब्ल्यूसी ने प्रस्ताव पारित कर कहा कि भारत-चीन गतिरोध पर प्रधानमंत्री मोदी की हालिया टिप्पणी चीनी रुख को बल देने वाली है और इसका ‘‘दूरगामी प्रभाव” होगा. प्रस्ताव में यह सवाल भी किया गया कि सरकार लद्दाख में चीनी कब्जे से भारतीय जमीन को मुक्त कराने और पूर्व यथास्थिति बहाल करने के लिए क्या कदम उठाएगी ? सीडब्ल्यूसी ने भारतीय सेना के प्रति एकजुटता एवं कृतज्ञता प्रकट करते हुए कहा, ‘‘ गलवान घाटी, पेंगोग सो (झील) और हॉट स्प्रिंग्स के भारतीय इलाकों में जबरन चीनी घुसपैठ की अनेक खबरों पर कांग्रेस कार्यसमिति गहन चिंता व्यक्त करती है.

चीन सहित किसी को भी इस बात में संदेह नहीं होना चाहिए कि ये इलाके भारत के अखंड भूभाग के अभिन्न व अविभाज्य हिस्से हैं.” सीडब्यूसी ने सवाल किया, ‘‘अप्रैल-मई 2020 से अब तक गलवान घाटी और पेंगोग सो में हमारे भूभाग पर चीनी सेना द्वारा कितनी बार घुसपैठ की गई है व घुसपैठ की कोशिश की गई? प्रधानमंत्री ने सर्वदलीय बैठक में यह क्यों कहा कि हमारी सरजमीं पर किसी ने घुसपैठ नहीं की?”

उसने यह भी पूछा, ‘‘कांग्रेस पार्टी एवं अन्य विपक्षी दलों द्वारा पूछे जाने पर पीएमओ ने 19 जून, 2020 के अपने आधिकारिक बयान से इन शब्दों को क्यों हटा दिया? पीएमओ को 20 जून, 2020 को इसका स्पष्टीकरण देने को मजबूर क्यों होना पड़ा?” सीडब्ल्यूसी ने सरकार से प्रश्न किया, ‘‘प्रधानमंत्री ने चीनी घुसपैठ के मामले में अपने रक्षा मंत्री एवं विदेश मंत्री द्वारा दिए गए बयानों के विपरीत बयान क्यों दिया ?” बैठक के आरंभ में सोनिया ने कहा, ‘‘भारत एक भयावह आर्थिक संकट, एक भयंकर महामारी और अब चीन के साथ सीमाओं पर एक बड़े संकट का सामना कर रहा है. भाजपा की अगुवाई वाली राजग सरकार का कुप्रबंधन और गलत नीतियां इन संकटों का एक प्रमुख कारण हैं.”

सोनिया ने दावा किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान ने पूरे देश को झकझोर दिया जब उन्होंने कहा कि “किसी ने भी लद्दाख में भारतीय क्षेत्र में घुसपैठ नहीं की”. उन्होंने कहा, ‘‘ कांग्रेस ने सबसे पहले आगे बढ़कर हमारी सेना और सरकार को अपना पूरा समर्थन देने के घोषणा की. हालांकि, लोगों में यह भावना है कि सरकार स्थिति को संभालने में गंभीर रूप से विफल हुई है.” सोनिया ने कहा, ‘‘ हम उम्मीद करते हैं कि हमारी क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा के लिए सरकार द्वारा उठाये जाने वाला हर क़दम परिपक्व कूटनीति व मजबूत नेतृत्व की भावना से निर्देशित होगा.” आर्थिक हालात का उल्लेख करते हुए सोनिया ने कहा, ‘‘ अब आर्थिक संकट और भी गहरा हो गया है.

वक़्त की मांग है कि बड़े पैमाने पर सरकारी खजाने से मदद, ग़रीबों के हाथों में सीधे पैसा पहुंचाना, सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्यमों की रक्षा करना और मांग को बढ़ाना व प्रोत्साहित करना चाहिए.” सोनिया ने कहा, ‘‘वैश्विक बाजार में जब कच्चे तेल की कीमतें लगातार गिर रही हों, ऐसे समय में सरकार ने लगातार 17 दिनों तक निर्दयतापूर्वक पेट्रोल और डीजल की कीमतों में वृद्धि करके देश के लोगों को पहले से लगी चोट और उसके दर्द को बढ़ाया है.”

कांग्रेस की कार्य समिति ने कोरोना वायरस के उपचार में निजी अस्पतालों द्वारा अधिक पैसे वसूले जाने और सरकारी अस्पतालों में सुविधाओं के अभाव को लेकर चिंता प्रकट की और आरोप लगाया कि केंद्र सरकार ने सबकुछ राज्यों के ऊपर डालकर अपना पल्ला झाड़ लिया है. उसने सरकार पर पेट्रोल-डीजल कीमतें बढ़ाकर ‘मुनाफाखोरी’ करने का आरोप लगाया और आग्रह किया कि कच्चे तेल की कीमत में गिरावट का लाभ आम उपभोक्ताओं को भी दिया जाना चाहिए. सीडब्ल्यूसी ने यह भी कहा कि मनरेगा के तहत कार्यदिवस को 200 दिन किया जाए, बिना राशनकार्ड वाले गरीबों के लिए अस्थायी राशनकार्ड बनाया जाए और गरीबों के हाथों में सीधे पैसे दिए जाएं.

Posted By – Pankaj Kumar pathak

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