कोरोना वायरस से जहां पूरी दुनिया तबाह है, वहीं पतंजलि आयुर्वेद ने इससे निपटने के लिए दवा बनाने का दावा किया है. बाबा रामदेव (Baba Ramdev) ने मंगलवार को कोरोना की आयुर्वेदिक दवा लॉन्च की. इस अवसर पर बाबा रामदेव ने कहा कि पूरी दुनिया कोरोना के वैक्सीन का इंतजार कर रहा था. मुझे यह बताते हुए हर्ष महसूस हो कि आयुर्वेद में इसकी दवा का इजाद हमने किया है. यह दवा तीन दिन में अपना असर दिखाने लगेगी. पतंजलि की ओर से दावा किया गया है कि कोरोना के मरीज इस दवा का सेवन करके 14 दिन में ठीक होंगे.
दवा लॉन्च करते हुए बाबा रामदेव ने कहा कि आज ऐलोपैथिक सिस्टम मेडिसन को लीड कर रहा है, हमने कोरोनिल बनाई है जिसमें हमने क्लीनिकल कंट्रोल स्टडी की. रामदेव का दावा है कि कोरोना की इस दवा से 7 दिन में 100 फीसदी मरीज ठीक हुए हैं. वहीं, तीन दिन के अंदर 69 फीसदी मरीज रिकवर हो गए यानी पॉजिटिव से निगेटिव हो गए.
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योग गुरु बाबा रामदेव का संस्थान पतंजलि ने कोरोना वायरस की आयुर्वेदिक दवा कोरोनिल को साइंटिफिक डिटेल के साथ पेश किया है. पतंजलि योगपीठ के चीफ एग्जिक्यूटिव ऑफिसर (CEO) आचार्य बालकृष्ण ने बताया कि कोरोना की आयुर्वेदिक दवा कोरोनिल (Coronil) की टेस्टिंग में अच्छे रिजल्ट मिले हैं.
दवा लॉन्चिंग के अवसर पर आचार्य बालकृष्ण ने कहा कि आज पतंजलि परिवार के लिए बहुत बड़ा दिन है. मानवता की सेवा में विनम्र प्रयास पूरा होने की खुशी आप सब से साझा करते हुए अत्यंत हर्ष का अनुभव हो रहा है. पतंजलि के सभी वैज्ञानिकों और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल (NIMS) यूनिवर्सिटी के सभी डॉक्टरों को बधाइयां…आपका प्रयास आज साकार हो रहा है. आयुर्वेद अब अपने अतीत के वैभव को प्राप्त कर शक्ति संपन्न बनेगा. उन्होंने कहा कि पतंजलि सेवा का दूसरा नाम है यह शब्दों से नहीं कर्मों से झलकता है. आज ऐसा लग रहा है, मानो कोई स्वप्न देख रहे हों, स्वप्न को साकार होते भी स्वप्न लगे यह पहली बार अनुभव हो रहा है. करोड़ों की पुकार व आशा का केंद्र पतंजलि है, तो हमारी जिम्मेदारी और भी बढ़ जाती है.
इससे पहले पतंजलि योगपीठ की ओर से जानकारी दी गयी कि कोरोना टैबलेट पर हुआ यह शोध पतंजलि रिसर्च इंस्टीट्यूट हरिद्वार और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस जयपुर के संयुक्त प्रयासों का परिणाम है. टैबलेट दिव्य फार्मेसी और पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड हरिद्वार में तैयार किया गया है. टैबलेट तैयार करने के दौरान वैज्ञानिकों की टीम, शोधकर्ता और चिकित्सक भी मौजूद रहेंगे.
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आचार्य बालकृष्ण की मानें तो दवा के मुख्य घटक अश्वगंधा, गिलोय, तुलसी, श्वसारि रस व अणु तेल हैं. इनका उपयोग करके कोरोना की दवा तैयार की गयी है. आचार्य बालकृष्ण ने जानकारी दी कि अश्वगंधा कोविड-19 के आरबीडी को मानव शरीर के एसीई से मिलने नहीं देता जिससे कोविड-19 वायरस संक्रमित मानव शरीर की स्वस्थ कोशिकाओं में एंट्री नहीं हो पाता. आगे उन्होंने बताया कि गिलोय भी अश्वगंधा की तरह काम करता है. यह संक्रमण को दूर रखता है. तुलसी का कंपाउंड कोविड-19 के आरएनए-पॉलीमरीज पर अटैक कर उसके गुणांक में वृद्धि करने की दर को न सिर्फ रोक देता है, बल्कि इसका लगातार सेवन उसके खात्मे के लिए कारगर साबित होता है. श्वसारि रस गाढ़े बलगम को बनने से रोकता है और बने हुए बलगम को खत्म कर फेफड़ों की सूजन ठीक करता है. इसी प्रकार अणु तेल का इस्तेमाल नेजल ड्राप के तौर पर कर सकते हैं.
Posted By : Amitabh Kumar