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25 लाख मुस्लिम करते थे हज इस साल कोरोना की वजह से सिर्फ कुछ हजार को इजाजत

सऊदी अरब ने मंगलवार को कहा कि कोरोना वायरस की वजह से इस साल कुछ हजार मुस्लिम ही हज कर पाएंगे. आम तौर पर दुनिया भर के 25 लाख लोग हज करते हैं. सऊदी के हज मंत्री मोहम्मद बेंतेन ने कहा कि सामाजिक दूरी का पालन और भीड़ नियंत्रण सुनिश्चित करने के लिए कम और बहुत सीमित संख्या में लोगों को हज करने की अनुमति दी जाएगी.

दुबई : सऊदी अरब ने मंगलवार को कहा कि कोरोना वायरस की वजह से इस साल कुछ हजार मुस्लिम ही हज कर पाएंगे. आम तौर पर दुनिया भर के 25 लाख लोग हज करते हैं. सऊदी के हज मंत्री मोहम्मद बेंतेन ने कहा कि सामाजिक दूरी का पालन और भीड़ नियंत्रण सुनिश्चित करने के लिए कम और बहुत सीमित संख्या में लोगों को हज करने की अनुमति दी जाएगी.

देश में ही रहने वाले करीब एक हजार लोग को इजाजत होगी . मंत्री ने ऑनलाइन पत्रकार वार्ता में कहा, “ इंशा अल्लाह (अल्लाह चाहेंगे तो) संख्या हजार में होगी. हम इसकी समीक्षा करने की प्रक्रिया में हैं. यह संख्या एक हजार से कम या थोड़ी ज्यादा हो सकती है. “ हज को इस साल सीमित करने के फैसले की पहले से उम्मीद की जा रही थी. सऊदी अरब सरकार ने अपना यह फैसला हज शुरू होने से पांच हफ्ते पहले बताया है.

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इसका समय हज को लेकर अहम फैसलों के बारे में संवेदनशीलता को इंगित करता है जो दुनिया भर के मुसलमानों को प्रभावित करते हैं. बेंतेन ने कहा, “ यह बहुत संवेदनशील काम है और हम स्वास्थ्य मंत्रालय में विशेषज्ञों के साथ काम कर रहे हैं. “ उन्होंने हज यात्रियों की जिदंगी और सेहत बचाने पर जोर दिया. सऊदी अरब के अधिकारियों ने बताया कि पाबंदियों के तहत, 65 साल से ज्यादा उम्र के लोगों को हज की इजाजत नहीं होगी और हज यात्री और उनकी सहायता करने वाले को हज से पहले और बाद में पृथकवास में रहने होगा.

सऊदी अरब ने सोमवार देर रात कहा कि इस साल मक्का में सीमित संख्या में लोगों को हज की अनुमति होगी. कुछ देशवासियों के अलावा पहले से ही देश में मौजूद अलग अलग देशों के कुछ लोगों को हज के लिए अनुमति दी जाएगी. इस साल हज जुलाई के आखिर में शुरू होगा.

यह फैसला उन लोगों के लिए झ़टका है जो हज करने के लिए पैसा जमा करते हैं और पूरे साल इंतजार करते हैं. हज सिर्फ एक धार्मिक यात्रा नहीं है जो मुसलमान को जिंदगी में कम से कम बार करनी चाहिए, बल्कि यह व्यक्ति को गुनाहों से माफी का मौका भी देता है और अलग अलग तबकों के लोगों को आपस में जोड़ता है.

इस्लामिक सेंटर ऑफ इंडिया के अध्यक्ष मौलाना खालिद रशीद ने कहा, “ हर मुसलमान की तमन्ना हज करने की होती है, लेकिन कोविड-19 के कारण इस साल यह मुमकिन नहीं है. “ रशीद ने कहा कि इसके लिए चीन जिम्मेदार है. अगर चीन कोरोना वायरस के बारे में दुनिया को पहले बता देता तो दुनिया अलग तरह से प्रतिक्रिया देती. उन्होंने कहा कि भारत से एक प्रतिनिधिमंडल को हज पर जाने की इजाजत दी जानी चाहिए.

आम तौर पर हज के लिए दुनियाभर से करीब 25 लाख लोग जुटते हैं. हर देश का उसकी मुस्लिम आबादी के हिसाब से हज यात्री भेजने का कोटा तय होता है. सबसे ज्यादा मुस्लिम आबादी वाले इंडोनेशिया से 221,000 हज यात्री सऊदी अरब जाते हैं. बहरहाल, पश्चिम एशिया में कोरोना वायरस के सबसे ज्यादा मामले सऊदी अरब में हैं, जहां 161,000 लोग अब तक इस खतरनाक वायरस से संक्रमित हो चुके हैं और 1,307 लोगों की मौत हो चुकी है. साल 1979 में मस्जिद-अल हराम (खाना-ए-काबा) को तब बंद किया गया था, जब इस्लाम में सबसे पवित्र स्थल में धार्मिक चरमपंथी घुस गए थे. हजारों लोग अंदर फंस गए थे और दो हफ्ते तक चली घेराबंदी में कई लोगों की मौत हुई थी.

Posted By- pankaj Kumar pathak

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