गोपालगंज : गंडक नदी के सारण मुख्य तटबंध में रिसाव शुरू हो गया है. बैकुंठपुर के बखरी पंचायत के मूंजा गांव में तेजी से रिसाव हो रहा है. सारण तटबंध को बचाने के लिए जल संसाधन विभाग के अभियंता प्रमुख राजेश कुमार के साथ पूरी टीम यहां पर कैंप कर रही है. अभियंताओं की टीम मूंजा गांव में वेल बनाकर तटबंध से हो रहे रिसाव को बंद करने के लिए प्रयास में जुटी है. तटबंध पर जगह-जगह हुए रेनकट का भी मरम्मत तेजी से चल रहा है. अाधिकारिक सूत्रों के मुताबिक बैकुंठपुर के मुंजा में रविवार से अचानक सारण तटबंध में रिसाव होने लगा. इसकी सूचना मिलने पर अभियंता प्रमुख के साथ मुख्य अभियंता ओपी अंबरकर, अधीक्षण अभियंता अश्विनी कुमार, कार्यपालक अभियंता जिग्नेश्वर रजक की टीम बांध की मरम्मत में जुट गयी. सुरक्षा व्यवस्था को लेकर स्थानीय प्रशासन को अलर्ट करते हुए तटबंध के पास पुलिस बल के साथ तैनात किया गया है. बांध को बचाने के लिए युद्ध स्तर पर बचाव कार्य शुरू किया गया है. बीडीओ अरविंद कुमार गुप्ता, सीओ पंकज कुमार भी तटबंध पर कैंप किये हुए हैं.
सोमवार को गंडक नदी में तेजी से जलस्तर बढ़ा. दोपहर के 12 बजे 1.19 लाख क्यूसेक डिस्चार्ज दर्ज किया गया. बाल्मिकीनगर बराज से लगातार पानी बढ़ने की सूचना आ रही है. जल संसाधन विभाग के अभियंताओं की माने तो गंडक नदी के जल स्तर में लगातार वृद्धि होने की संभावना है. इसलिए निचले इलाके में बसे लोगों को अलर्ट किया गया है. रिंग बांध समेत सारण तटबंध पर लगातार निगरानी रखी जा रही है.
समय से एक माह पहले नदी के बढ़ते जलस्तर ने दियारावासियों की नींद उड़ा दी है. बाढ़ प्रभावित छह प्रखंडों के कई कई गांव में तेजी से फैल रहा है. कुचायकोट, मांझा, बरौली, सिधवलिया, बैकुंठपुर व सदर प्रखंड का दियारा इलाका बाढ़ से प्रभावित माना जाता है. रविवार की शाम से बढ़ रहे नदी के जलस्तर के कारण कई गांव का संपर्क टूट गया है. जिला प्रशासन की ओर से सरकारी नाव का इंतजाम किया गया है, लेकिन बाढ़ प्रभावित गांव तक नहीं पहुंच सका है. सबसे अधिक परेशानी सदर प्रखंड के मेहंदिया, मशानथाना, खाप मकसूदपुर, जगीरी टोला, मलाही टोला, रामपुर आदि गांव के लोगों की है. यहां तीन से चार फुट पानी गांव की सड़कों पर बह रहा है. जिससे घर से निकलकर ऊंचे स्थलों पर पलायन करना भी मुश्किल हो गया है.
जगीरी टोला, मकसूदपुर, मलाही टोला, कटघरवां, रामनगर, जगीरी टोला खाप, कमल चौधरी का टोला आदि जगहों पर बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है. लोग मवेशियों को लेकर ऊंचे स्थलों पर जाने के लिए पलायन शुरू कर दिये हैं. सबसे अधिक खाने-पीने को लेकर दियारा क्षेत्र के लोगों की परेशानी है.