24.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

नसबंदी से कन्नी काटते हैं पुरुष

जिला मुख्यालय व ग्रामीण इलाकों के स्वास्थ्य केंद्रों, सरकारी दफ्तरों के आसपास से गुजरें, तो दीवारों पर या होर्डिंग्स में ‘चीरा न कोई टांका, पुरुष नसबंदी है आसान’ जैसे स्लोगन दिखायी देते हैं. विभाग की ओर से प्रचार-प्रसार के बाद भी नसबंदी कराने को लेकर पुरुष आगे नहीं आते हैं. तमाम कवायद के बाद भी मर्द नसबंदी (परिवार नियोजन) कराने से कन्नी काट जाते हैं.

  • जागरूकता की कमी. गिरिडीह में मात्र दस प्रतिशत रही लक्ष्य की उपलब्धि

  • जीरो उपलब्धि पर स्वास्थ्य निदेशक ने अधिकारियों को लगायी थी फटकार

गिरिडीह : जिला मुख्यालय व ग्रामीण इलाकों के स्वास्थ्य केंद्रों, सरकारी दफ्तरों के आसपास से गुजरें, तो दीवारों पर या होर्डिंग्स में ‘चीरा न कोई टांका, पुरुष नसबंदी है आसान’ जैसे स्लोगन दिखायी देते हैं. विभाग की ओर से प्रचार-प्रसार के बाद भी नसबंदी कराने को लेकर पुरुष आगे नहीं आते हैं. तमाम कवायद के बाद भी मर्द नसबंदी (परिवार नियोजन) कराने से कन्नी काट जाते हैं.

वहीं महिलाओं की संख्या पुरुषों की तुलना में कहीं अधिक है. 2019 में 11 से 24 जुलाई तक चले परिवार कल्याण पखवारा की समीक्षा के दौरान नसबंदी मामले में गिरिडीह की जीरो उपलब्धि पर स्वास्थ्य निदेशक डाॅ. जेपी सिंह ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में अधिकारियों को फटकार लगायी थी. स्वास्थ्य निदेशक की फटकार व प्रचार-प्रसार के बाद भी जिला में 2019-20 में नसबंदी की उपलब्धि मात्र दस प्रतिशत रही है. इससे साफ जाहिर है कि गिरिडीह के पुरुष नसबंदी से कन्नी काटते हैं.

लोगों में हैं भ्रांतियां : सिविल सर्जन

मामले में सिविल सर्जन डाॅ. अवधेश कुमार सिन्हा ने कहा कि गांवों में मर्दों के बीच आम धारणा है कि इससे वे कमजोर पड़ जायेंगे. फिर घर की महिलाएं भी मना करती हैं. उन्हें यही लगता है कि मर्द अगर ऑपरेशन कराये तो खेती बाड़ी और घर का काम कौन संभालेगा. उन्होंने कहा कि यह मानसिकता सालों से कायम है कि परिवार नियोजन महिलाओं के हिस्से की चीज है.

सीएस ने कहा कि समझाने-बुझाने का असर भी नहीं पडता है. यही कारण है कि पुरुष नसबंदी की संख्या कम होती है. डाॅ. सिन्हा ने कहा कि सफलता दर में इजाफा के लिए जागरूकता अभियान भी चलाया जाता है. उन्होंने कहा कि सफलता दर पर कोरोना का भी असर रहा. फरवरी व मार्च में नहीं के बराबर नसबंदी ऑपरेशन हुआ है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें