मोहिउद्दीननगर (सुल्तानपुर) : गलवान घाटी में 15-16 जून की रात चीनी सैनिकों से झड़प में शहीद जवान अमन कुमार की अंतिम यात्रा में उनके पैतृक गांव सुल्तानपुर व आसपास के लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी. लोग जवान को अंतिम विदाई देने के दौरान भारत माता की जय और अमन अमर रहे के नारे लगा रहे थे. गंगा तट पर शुक्रवार को राजकीय सम्मान के बाद शहीद के छोटे भाई रोहित कुमार ने उन्हें मुखाग्नि दी.
गंगा तट पर गलवान घाटी में गांव के इस लाल के बेमिसाल पराक्रम की चर्चा थी. अहले सुबह से मोहिउद्दीननगर के चौक-चौराहों से लेकर गांव के रास्तों तक जो भीड़ जमा होने लगी उसने थोड़ी ही देर में जुलूस की शक्ल ले लिया. बीते तीन दिनों से अपने वीर के पार्थिव शरीर का इंतजार कर रहे लोग सोये नहीं थे. शहीद अमन जिंदाबाद के नारे के साथ चीन पर गुस्से के नारे सुबह से गूंजते रहे.
लगभग 10 किलोमीटर की दूरी तक मोटरसाइकिल पर आने वाले लोगों का तांता लगा रहा. सभी के हाथों में तिरंगे लहरा रहा था. सूरज निकलते ही पार्थिव शरीर उनके घर के समीप लाया गया. रास्ते में लोगों के हुजूम ने अंतिम दर्शन किये. उसके बाद पार्थिव शरीर सेना को गाड़ी से निकालकर घर तक ले जाया गया, जहां शहीद की पत्नी मीनू देवी एवं परिजनों ने अंतिम दर्शन किये.
शहीद के पार्थिव शरीर के साथ सेना एवं प्रशासन का एक जत्था था. दानापुर की सैन्य छावनी से सेना के जवान एवं अधिकारियों के अतिरिक्त बिहार सरकार के मंत्री महेश्वर हजारी भी अंतिम यात्रा में शामिल रहे. बिहार रेजिमेंट के ब्रिगेडियर एनसी बैंसला, 32 बिहार बटालियन एनसीसी के लेफ्टिनेंट कर्नल मनमोहन ठाकुर, एनसीसी ग्रुप कमांडर कर्नल पंकज कुमार, डीएम शशांक शुभांकर, एसपी विकास वर्मन, मो. शफीक, परशुराम एस. नायक व सामाजिक कार्यकर्ता स्वीटी प्रिया आदि ने शहीद अमन के पार्थिव शरीर पर पुष्पचक्र समर्पित किये. सेना ने शोक धुन बजायी. हवा में कई चक्र गोलियां चलाकर अपने वीर को सैल्यूट करते हुए अंतिम विदाई दी.
इधर, युवाओं का जमा हुआ एक बड़ा जत्था अलग-अलग सड़कों से भले निकल रहा था, लेकिन वे सारी सड़कें सुल्तानपुर की ओर मुड़ रही थी. सभी वर्ग एवं सभी उम्र के लोग सुल्तानपुर में सुबह ही से जमा होते हुए देखे गये. देश भक्ति के उत्साह से लबरेज एक एक आदमी उनके नाम के जयकारे लगा रहे थे.
शहीद अमन के पिता सुधीर कुमार सिंह, भाई राहुल व रोहित की आंखें तीन दिनों तक बरसती रहीं. मां रेणु देवी, बहन मौसम एवं पत्नी मीनू की आंखों से जो बरसात निकल चली. उसके साथ मौसम ने भी झड़ी लगायी. जब तक शव नहीं आया, आसमान रोता रहा. जमीन भींगती रही. जैसे ही शव आया, दोनों बरसात थम गयी. आंखों की भी, आसमान की भी. तीन दिनों की इस भरी बरसात के बाद मीनू ने अपने पति के अंतिम दर्शन किये. उसकी आंखें रोने के बजाय सिर्फ निहारती रहीं. मीनू ने गर्व का अनुभव किया.
शहीद अमन के परिजनों ने बताया कि अपने लाल से अंतिम बार 12 जून को बात की थी. अमन ने अपने पिता सुधीर कुमार सिंह को स्वास्थ का ध्यान रखने को कहा था. पत्नी एवं मां से भी बात की थी. पत्नी को माता-पिता का ख्याल रखने की नसीहत दी थी. पिता का ऑपरेशन कराने के बाद बीते फरवरी में शहीद अमन के अपने कर्त्तव्य पर जाने की बात बतायी गयी है.
सुल्तानपुर की कुछ ग्रामीण सड़कों एवं पगडंडियों पर बरसात के कारण कीचड़ जमा हो गया था. शव यात्रा में शामिल होने वाली भीड़ का अनुमान लगाकर पंचायत के मुखिया प्रिंस सिंह ने रातोरात सड़कों को दुरूस्त करा दिया. सड़कों पर मिट्टी एवं बालू डालकर कीचड़ खत्म करने की कोशिश की गयी. लेकिन निरंतर होने वाली बरखा के कारण यह कोशिश पूरी तरह सफल नहीं हो पाया. कीचड़ के बावजूद लोगों का हुजूम नहीं रुका.
शहीद अमन की अंतिम यात्रा में विधायक डॉ एज्या यादव, भाजपा नेता राजेश कुमार सिंह, रामसुमरन सिंह, बीडीओ कृष्ण कुमार सिंह, सीओ प्रमोद कुमार रंजन, धर्मेन्द्र साह, थानाध्यक्ष सुमन कुमार, प्रमुख कृष्ण कुमार चौधरी, पूर्व प्रमुख जवाहरलाल राय, जदयू किसान सेल के जिला महासचिव संजीव कुमार सिंह, राजकपूर सिंह, जीतू सिंह, रामाश्रय ठाकुर, समाजसेवी पिंकू सिंह, प्रभात रंजन यादव, राणा राजीव सिंह, मनोज प्रसाद सुनील, लोजपा नेता संजीव कुमार सिंह, मनोज कुमार सिंह, चुन्नी सिंह, जिप उपाध्यक्ष अनिल कुमार सिंह, मुन्ना सिंह, पटोरी थानाध्यक्ष मुकेश कुमार, अरूण कुमार सिंह आदि शामिल थे.
Posted By: Amlesh Nandan Sinha.