रांची : डोरंडा थाना की पुलिस ने नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी करने के आरोप में साहिबगंज निवासी फिरोज खान और गुमला निवासी गुरुदेव साहू को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया. फिरोज ठगी करने वाली संस्था निजामुद्दीन कोहिनूर फाउंडेशन का मैनेजिंग डायरेक्टर था. वहीं गुरुदेव साहू संचालक था. संस्था का ऑफिस डिबडीह में था. दोनों के खिलाफ धुर्वा निवासी रीता महली की शिकायत पर डोरंडा थाने में प्राथमिकी दर्ज की गयी थी.
महिला ने पुलिस को बताया था कि उसने नौकरी के लिए 19 नवंबर 2019 को निजामुद्दीन कोहिनूर फाउंडेशन में 31 हजार रुपये जमा किये थे. उसे नौकरी तो दी गयी, लेकिन उसे समय पर पूरा वेतन कभी नहीं दिया गया. रीता के अलावा दूसरी कई दूसरी महिलाएं व युवतियां भी वेतन के लिए ऑफिस का चक्कर काटती थीं. वेतन की मांग करने पर इंतजार करने को कहा जाता था.
बाद में रीता को पता चला कि उसके साथ- साथ दूसरी महिलाओं और युवतियों से भी संस्था ने नौकरी के नाम पर रुपये लिये हैं. रीता के अनुसार, उसके अलावा सुनीता से 11 हजार, मधु से 21 हजार, अंजना से 21 हजार, संपत्ति तिग्गा से 11 हजार, नीलमणि तिर्की से 21 हजार और सुलेखा उरांव से 31 हजार नौकरी दिलाने के नाम पर लिये गये थे. शिकायतकर्ता महिला के अनुसार फाउंडेशन के नाम पर रांची के अलावा अन्य जिलों में भी ठगी की गयी है. गुमला, लोहरदगा के अलावा कंपनी का ऑफिस बेड़ो में भी है.
पुलिस को भी इस बात की जानकारी मिली है कि आरोपी पूर्व में नेटवर्किंग कंपनी से जुड़े थे. बाद में पैसा कमाने के लिए संस्था खोल लिया. वे नौकरी दिलाने के नाम पर विभिन्न स्थानों पर रेंट पर जगह लेकर वहां होटल, स्कूल खोल देते थे. इसके बाद वहां महिलाओं को ट्रेनिंग के लिए भेजते थे. लेकिन वे किराये का भुगफिरोज के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है. तान भी नहीं करते थे. बाद में होटल या स्कूल बंद कर दिया जाता था.
महिला के विवाद के बाद पकड़ में अाया मामला
पुलिस के अनुसार, फिरोज पुंदाग निवासी एक महिला के साथ लिव इन रिलेशन में था. उसका महिला से एक बच्चा भी है. फिरोज का एक दूसरी लड़की से भी संबंध था, जिससे वह शादी करना चाहता था. लिव इन रिलेशन में रह रही महिला को जब इस बात की जानकारी मिली, तो वह गुरुवार को फिरोज के ऑफिस पहुंच कर हंगामा करने लगी.
उस वक्त फिरोज के साथ ऑफिस में वह दूसरी लड़की भी मौजूद थी. हंगामा की सूचना मिलने पर पुलिस वहां जांच के लिए पहुंची तथा दोनों पक्ष को थाने ले गयी. इधर, इस बात की सूचना मिलने पर ठगी की शिकार अन्य महिलाएं भी डोरंडा थाना पहुंचीं. इसके बाद पुलिस को असलियत का पता चला.