गुमला : प्रतिबंधित उग्रवादी संगठन पीएलएफआई (PLFI) और गुमला पुलिस (Gumla Police) के बीच पालकोट थाना के डोंबाटोली पहाड़ में शुक्रवार (19 जून, 2020) को दिन के 11 बजे मुठभेड़ हुई. आधा घंटे तक चली मुठभेड़ में एक उग्रवादी पालकोट बाजार टाड़ निवासी विशाल सिन्हा घायल हुअा. उसके पैर में गोली लगी है. विशाल एक माह पहले गुजरात से लौटा है और वह प्रवासी मजदूर है. पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर इलाज करा रही है. जबकि सबजोनल कमांडर परमेश्वर गोप उर्फ प्रेम व एरिया कमांडर राजेश गोप अपने दस्ते के साथ भागने में सफल रहा.
उग्रवादियों ने डोंबाटोली पहाड़ में कैंप बनाया था, जहां आसपास के बेरोजगार युवकों को संगठन में जोड़ने व हिंसक घटना को अंजाम देने की योजना बनाते थे. पुलिस ने मुठभेड़ के बाद कैंप को ध्वस्त कर लिया. पुलिस ने मुठभेड़ स्थल और कैंप से बंदूक, जिंदा गोली, उग्रवादी लेटर पैड और दैनिक उपयोग के कई सामान बरामद किये हैं.
गुमला के पुलिस अधीक्षक एचपी जनार्दनन ने बताया कि गुमला पुलिस को गुप्त सूचना मिली थी कि डोंबाटोली के पहाड़ी क्षेत्र में पीएलएफआई (PLFI) के उग्रवादी जमे हुए हैं. उग्रवादी किसी हिंसात्मक घटना को अंजाम देने वाले हैं. इस सूचना पर एएसपी बृजेंद्र कुमार मिश्रा के नेतृत्व में पुलिस टीम का गठन किया गया. पुलिस छापामारी अभियान चलाते हुए जब डोंबाटोली पहाड़ पहुंची, तो उग्रवादियों ने पुलिस पर फायरिंग शुरू कर दी. पुलिस ने आत्मरक्षा के लिए जवाबी कार्रवाई करते हुए फायरिंग की. इसमें एक उग्रवादी विशाल सिन्हा घायल हुआ, जबकि अन्य 5 उग्रवादी भागने में सफल रहे. भागे उग्रवादियों को पकड़ने के लिए छापामारी अभियान चलाया जा रहा है.
वर्तमान परिस्थिति में यह चिंता की बात है. बेरोजगारी में युवक उग्रवादी बन रहे हैं. उदाहरण पालकोट की घटना है. पुलिस मुठभेड़ में जो उग्रवादी घायल हुआ है. दरअसल वह एक सप्ताह पहले तक प्रवासी मजदूर था, लेकिन बेरोजगारी में वह पीएलएफआई में शामिल हो गया.
Also Read: खाना नहीं मिलने पर प्रवासी मजदूरों का हंगामा, डीसी ने उपलब्ध कराया भोजन
पैसा कमाने के लोभ में वह गलत रास्ते पर चल पड़ा था, लेकिन उसका सबक उसे मिला. पुलिस की गोली से वह घायल हो गया. अभी उसका इलाज चल रहा है. पालकोट में प्राथमिक उपचार के बाद गुमला सदर अस्पताल भेज दिया गया है. घायल उग्रवादी विशाल सिन्हा पालकोट के बाजार टाड़ निवासी है.
पुलिस की जानकारी के मुताबिक, घायल उग्रवादी विशाल गुजरात में मजदूरी करता था. कोरोना संक्रमण (Corona infection) के कारण लागू लॉकडाउन (Lockdown) के बाद विशाल अपने घर पालकोट आया था. वह 15 दिनों तक कोरेंटिन सेंटर में रहा. इसके बाद वह घर गया. लेकिन, बेरोजगारी और बेकारी से वह त्रस्त हो गया.
एक सप्ताह पहले वह पीएलएफआई (PLFI) के सबजोनल कमांडर परमेश्वर गोप व एरिया कमांडर राजेश गोप से संपर्क किया. इसके बाद वह पीएलएफआई में शामिल हो गया. गुमला एसपी एचपी जनार्दनन ने कहा कि घायल विशाल गुजरात में मजदूरी करता था. पालकोट लौटने के बाद कोरेंटिन सेंटर में पूरा समय रहने के बाद जब उसे छुट्टी मिली, तो वह पीएलएफआई में शामिल हो गया था.
गुमला एसपी एचपी जनार्दनन ने उग्रवादियों से कहा है कि वे अपने घर लौट जाये. परिवार व समाज के साथ रहें. अगर वे मुख्यधारा से नहीं जुड़ेंगे, तो पुलिस की गोली से मारे जायेंगे. हथियार किसी समस्या का समाधान नहीं है. इसलिए मुठभेड़ में जितने भी उग्रवादी बचकर भाग निकले हैं. उनसे अंतिम अपील है. अब लौट जाये. हथियार डालेंगे, तो जीवित रहेंगे. मुख्यधारा में लौटने पर पुलिस हर संभव मदद करेगी.
1 पीस डबल बैरल का बंदूक, 8 पीस 12 बोर का जिंदा गोली, 5 पीस 12 बोर का खोखा, 6 पीस 315 बोर का खोखा, 1 पीस गोली रखने वाला विडोलिया, 6 पीस पीएलएफआई का लेटर पैड, 5 मोबाइल फोन, 1 पीस मोबाइल चार्जर, 1 पीस पेंसिल बैटरी, दैनिक उपयोग के सामान, विस्तर, कंबल, बोतल और बर्तन को पुलिस ने बरामद किया है.
पुलिस से मुठभेड़ में उग्रवादी विशाल सिन्हा घायल हो गया. वह डोंबाटोली पहाड़ पर गिरा हुआ था और छटपटा रहा था. उसके पैर में गोली लगी थी. भागने में भी असमर्थ था. विशाल के घायल होने पर उसके साथी उसे छोड़कर भाग गये. सबजोनल व एरिया कमांडर अपने पांच साथियों के साथ झाड़ियों का सहारा लेकर भागने में सफल रहा. उग्रवादियों के भागने के बाद जब पुलिस सर्च ऑपरेशन चलायी, तो विशाल को पहाड़ के नीचे घायलावस्था में तड़पते पाया. पुलिस ने दरियादिली दिखायी. तुरंत गाड़ी मंगाकर घायल को अस्पताल पहुंचाया गया. खुद गुमला एसपी एचपी जनार्दनन अस्पताल पहुंचे और घायल के इलाज के दौरान उपस्थित रहे. नर्सों ने भी उसकी मलहम- पट्टी की. दर्द कम होने वाला इंजेक्शन भी दिया.
Posted By : Samir ranjan.