नयी दिल्ली : लद्दाख की गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ हिंसक टकराव में भारतीय सेना के एक अधिकारी और दो जवानों के शहीद होने की घटना पर विपक्ष ने नरेंद्र मोदी सरकार पर हमला बोला है. प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस ने घटना को अस्वीकार्य करार देते हुए सरकार से आग्रह किया कि इस मामले पर देश को विश्वास में लिया जाए और सभी राजनीतिक दलों को जमीनी हालात के बारे में जानकारी दी जाए. वहीं कांग्रेस ने मोदी सरकार पर मौन साधने का आरोप भी लगाया है.
पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा, ‘चीनी सेना द्वारा लद्दाख में तीन स्थानों पर की गयी घुसपैठ की खबरों ने पूरे देश में गंभीर चिंता और व्यग्रता पैदा कर दी, लेकिन सीमा पर घुसपैठ के तथाकथित चीनी दुस्साहस पर मोदी सरकार ने मौन साध लिया.’
सुरजेवाला ने कहा, ‘भारत की सुरक्षा और क्षेत्रीय अखंडता से कोई समझौता स्वीकार नहीं किया जा सकता. पिछले पांच दशकों में, वास्तविक नियंत्रण रेखा पर एक भी दुर्घटना या भारत-चीन सीमा पर हमारे सैनिक की शहादत नहीं हुई है. चीनी सेना के हाथों भारतीय सेना के एक अधिकारी और दो सैनिकों की शहादत पूरी तरह से अप्रत्याशित और अस्वीकार्य है.’
एमआईएम के चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, ‘आज भारत उन 3 बहादुर शहीदों के साथ खड़ा है जो आज लद्दाख के गलवान घाटी में चीनी हमले में शहीद हो गये हैं. मेरी संवेदनाएं कर्नल और दोनों बहादुर सैनिकों के परिवारों के साथ है. कमांडिंग ऑफिसर ने सामने से अगुवाई की. सरकार को इन हत्याओं का बदला लेना चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उनका बलिदान व्यर्थ नहीं जाए.’
वहीं, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा ने ट्वीट कर कहा, ‘यह गंभीर राष्ट्रीय चिंता का विषय है क्योंकि इसका राष्ट्रीय सुरक्षा पर गंभीर प्रभाव पड़ता है. सरकार को तत्काल देश को विश्वास में लेना चाहिए.’ उन्होंने कहा, ‘संसदीय लोकतंत्र में सरकार से उम्मीद की जाती है कि वह राजनीतिक दलों को जमीनी स्थिति के बारे में जानकारी दे.’
पूर्व प्रधानमंत्री एच डी देवेगौड़ा ने ट्वीट किया, ‘गलवान घाटी से आ रही खबरें विचलित करने वाली हैं. तनाव कम करने की प्रक्रिया के दौरान हमारे सैनिकों ने कैसे अपनी जान गंवायी? राष्ट्रहित में प्रधानमंत्री और रक्षा मंत्री को लद्दाख गतिरोध के दौरान चीन के साथ सीमा मुददे पर देश के सामने स्पष्ट तस्वीर रखनी चाहिए.’
नेशनल कांफ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने भी ट्वीट किया, ‘यदि तनाव कम करने की प्रक्रिया के दौरान चीनी भारतीय सेना के एक कर्नल और दो जवानों की गोली मारकर हत्या कर देते हैं तो कल्पना कीजिए कि स्थिति कितनी बिगड़ गयी होगी.’ उन्होंने लिखा, ‘जब मीडिया सरकार के सुर में सुर मिलाते हुए कहता है कि सवाल उठाना राष्ट्रविरोधी है तो यही होता है.’ जब ट्विटर पर एक उपयोगकर्ता ने यह कहा कि गलवान घाटी में कोई गोलीबारी नहीं हुई तब उमर अब्दुला ने कहा, ‘यानी कि पीट-पीटकर उनकी हत्या कर दी गयी! तब तो और भयावह है!’
पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने ट्वीट किया, ‘गलवान घाटी में जो हो रहा है, वह चीन के उल्लंघनों का विस्तार है. अब समय आ गया है कि देश इन अतिक्रमणों के खिलाफ खड़ा हो. हमारे जवान खेल का हिस्सा नहीं हैं कि हर कुछ दिन में सीमाओं की रक्षा करते हुए हमारे अधिकारी और जवान हताहत हो रहे हैं.’ उन्होंने कहा, ‘समय आ गया है कि भारत सरकार कुछ कड़े कदम उठाये. हमारी तरफ से कमजोरी का हर संकेत चीन की प्रतिक्रिया को और आक्रामक बनाता है. मैं बहादुर शहीदों को देशवासियों के साथ श्रद्धांजलि देता हूं. देश दुख की इस घड़ी में आपके साथ खड़ा है.’
इसके साथ ही विपक्ष के कई नेताओं की प्रतिक्रियाएं आयी हैं और सभी ने सरकार से कड़े कदम उठाने की मांग की है. कांग्रेस ने तो सरकार पर जानकारी छुपाने के भी आरोप लगाये हैं. कांग्रेस का कहना है कि सरकार ने अभी तक स्थिति स्पष्ट नहीं की है कि वास्तविक में वहां हुआ क्या था. जब चीनी सेना वापस जा रही थी तो हमारे अधिकारी और जवान शहीद कैसे हुए.
Posted By: Amlesh Nandan Sinha.