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Aadhaar को पैन से लिंक कराने से लेकर जल्दी कर लें ITR दाखिल, 30 जून को खत्म हो जाएगी इन 13 स्कीम्स की डेडलाइन

कोरोनावायरस महामारी (Coronavirus pandemic) के प्रसार (Spread) को कम करने के लिए देश में करीब-करीब दो महीने से अधिक समय तक लॉकडाउन रहने की वजह से आर्थिक गतिविधियां बाधित होने के साथ वित्तीय कामों से जुड़ी डेडलाइन (समयसीमा) को 30 जून तक के लिए बढ़ा दिया गया था. अब वह 30 जून की समयसीमा भी नजदीक आने वाला है और संभवत: उन कामों को निबटाने के लिए दोबारा अंतिम तारीख (Last Date) को आगे नहीं बढ़ाया जा सकता है. इसलिए अंतिम तारीख आने से पहले वित्तीय कामों को जल्दी से निबटा लेना जरूरी है. आइए, जानते हैं कि सरकार ने लॉकडाउन के दौरान कौन-कौन से वित्तीय कामों की समयसीमा को आगे बढ़ाया है और उन कामों को निबटाने के लिए 30 जून 2020 को अंतिम तारीख जल्द ही आने वाली है...

कोरोनावायरस महामारी (Coronavirus pandemic) के प्रसार (Spread) को कम करने के लिए देश में करीब-करीब दो महीने से अधिक समय तक लॉकडाउन रहने की वजह से आर्थिक गतिविधियां बाधित होने के साथ वित्तीय कामों से जुड़ी डेडलाइन (समयसीमा) को 30 जून तक के लिए बढ़ा दिया गया था. अब वह 30 जून की समयसीमा भी नजदीक आने वाला है और संभवत: उन कामों को निबटाने के लिए दोबारा अंतिम तारीख (Last Date) को आगे नहीं बढ़ाया जा सकता है. इसलिए अंतिम तारीख आने से पहले वित्तीय कामों को जल्दी से निबटा लेना जरूरी है. आइए, जानते हैं कि सरकार ने लॉकडाउन के दौरान कौन-कौन से वित्तीय कामों की समयसीमा को आगे बढ़ाया है और उन कामों को निबटाने के लिए 30 जून 2020 को अंतिम तारीख जल्द ही आने वाली है…

वित्त वर्ष 2019-20 के लिए अग्रिम कर का भुगतान : केंद्र सरकार ने वित्त वर्ष 2019-20 के लिए एडवांस टैक्स (अग्रिम कर) के भुगतान की तारीख को बढ़ाकर 30 जून 2020 कर दिया है. इसलिए जो करदाता एडवांस टैक्स के दायरे में आते हैं, उन्हें 30 जून से पहले टैक्स जमा कर देना चाहिए, जिससे टैक्स पर किसी प्रकार के ब्याज भुगतान न करना पड़े. आयकर कानून के तहत अगर करदाता की कर की देनदारी 10,000 रुपये से अधिक है (जिन वरिष्ठ नागरिकों का किसी कारोबार से आमदनी नहीं है), तो करदाताओं को एडवांस टैक्स का भुगतान करना पड़ता है.

अटल पेंशन योजना के लिए ऑटो डेबिट फैसिलिटी : पेंशन कोष विनियामक एवं विकास प्राधिकरण (PFRDA) ने अटल पेंशन योजना (APY) के लिए ऑटो डेबिट फैसिलिटी को 30 जून 2020 तक के लिए रोक दिया है. इसका मतलब यह हुआ कि जो लोग अटल पेंशन योजना में निवेश कर रहे हैं, उनके सेविंग्स अकाउंट से अपने आप इस स्कीम के लिए योगदान का पैसा नहीं कटेगा. इस स्कीम में मासिक या तिमाही आधार पर योगदान होता है.

PPF और सुकन्या समृद्धि योजना में न्यूनतम राशि जमा कराना : सरकार ने PPF (लोक भविष्य निधि) और सुकन्या समृद्धि योजना (SSY) के खाताधारकों कों लॉकडाउन के दौरान राहत दी और दोनों खातों के प्रावधानों में ढील देते हुए फैसला किया कि जो लोग PPF और सुकन्या समृद्धि अकाउंट में लॉकडाउन के चलते वित्त वर्ष 2019-20 के लिए न्यूनतम जमा नहीं कर पाए हैं, वे अब 30 जून 2020 तक पैसा जमा कर सकते हैं. इस किस्त को देरी से भरी गयी किस्त नहीं माना जाएगा और न ही कोई पेनल्टी या रिवाइवल फीस वसूली जाएगी. PPF और सुकन्या समृद्धि योजना खाता के लिए एक वित्त वर्ष में निश्चित न्यूनतम धनराशि जमा करना अनिवार्य है. PPF अकाउंट के लिए यह न्यूनतम जमा एक वित्त वर्ष में 500 रुपये और सुकन्या समृद्धि स्कीम के लिए 250 रुपये है.

PPF अकाउंट एक्सटेंड कराने की समयसीमा भी बढ़ी : इसके साथ ही, फैसला यह भी फैसला किया था कि जिन लोगों का PPF अकाउंट 31 मार्च को मैच्योर हो गया है, जिसमें एक साल का एक्सटेंशन भी शामिल है, वे लोग अगर अपने PPF अकाउंट को आगे बढ़ाना चाहते हैं, लेकिन लॉकडाउन के कारण मार्च 2020 तक ऐसा नहीं कर पाए हैं, तो वे 30 जून 2020 तक फॉर्म जमा करके उसके आगे बढ़वा सकते हैं.

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वरिष्ठ नागरिक बचत योजना में निवेश : सरकार ने फरवरी और अप्रैल के बीच रिटायर हुए कर्मचारियों के लिए वरिष्ठ नागरिक बचत योजना खाता में निवेश करने की आखिरी तारीख 30 जून 2020 तक बढ़ा दिया है. योजना के नियमों के मुताबिक, 55-60 साल आयु के रिटायर लोग एससीएसएस स्‍कीम में सेवानिवृत्ति लाभ मिलने के एक महीने के भीतर निवेश कर सकते हैं.

पोस्ट ऑफिस लाइफ इंश्योरेंस प्रीमियम : पोस्टल लाइफ इंश्योरेंस (PLI) और रूरल पोस्टल लाइफ इंश्योरेंस (RPLI) के लिए प्रीमियम भुगतान पीरियड को 30 जून 2020 तक बढ़ाया गया. सभी PLI और RPLI पॉलिसीधारकों को राहत देने के लिए डायरेक्टोरेट ऑफ पोस्टल लाइफ इंश्योरेंस, डिपार्टमेंट ऑफ पोस्ट और संचार मंत्रालय ने मार्च 2020, अप्रैल 2020 और मई 2020 के बकाया प्रीमियम के भुगतान की अवधि को 30 जून 2020 तक बढ़ाने का फैसला किया. इसमें कोई जुर्माना या डिफॉल्ट फी नहीं ली जाएगी.

निवेश पर टैक्स छूट : अगर आप किसी ऐसी स्कीम या प्लान में निवेश करते हैं, जिसमें इनकम टैक्स एक्ट के तहत टैक्स छूट मिलती है, तो उस निवेश पर आप वित्त वर्ष 2019-20 के लिए आयकर रिटर्न में 30 जून तक दावा कर सकते हैं. सरकार ने इस बात को अधिसूचना के जरिये पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि LIC, PPF, NPS जैसी स्कीम में 30 जून तक निवेश करके टैक्स छूट का लाभ लिया जा सकता है. नयी LIC, मेडिक्लेम, PPF, NPS जैसी योजनाएं 30 जून तक लेने पर वित्त वर्ष 2019-20 के लिए छूट के योग्य होंगी. एलआईसी की पुरानी पॉलिसी पर प्रीमियम, मेडिक्लेम, PPF, NPS जैसी योजनाओं पर 30 जून तक किए गए पेमेंट भी इसमें शामिल हैं.

वित्त वर्ष 2018-19 का आईटीआर : अब करदाताओं के पास जून आखिर तक वित्त वर्ष 2018-19 के लिए लेट ITR दाखिल करने का मौका है. इसके अलावा अगर पहले आईटीआर फाइल कर चुके हैं तो उसमें करेक्शन करने का यानी रिवाइज ITR भरने का भी मौका रहेगा.

किसी भी बैंक ATM से कितनी ही बार नकद निकासी : 30 जून तक किसी भी बैंक के डेबिट/ATM कार्ड से किसी भी बैंक ATM से नकद निकासी पर कोई चार्ज नहीं लगेगा. अभी दूसरे बैंकों के ATM से एक निश्चित संख्या में फ्री नकद निकासी की जा सकती है. उस संख्या के खत्म होने के बाद ट्रांजेक्शन करने पर चार्ज देना होता है.

बचत खाते पर मिनिमम बैलेंस में छूट : सरकार ने 30 जून तक बचत खाते में मिनिमम मंथली बैलेंस मेंटेन रखने की जरूरत को भी खत्म किया हुआ है. अगर ग्राहक के बचत खाते में मिनिमम बैलेंस मौजूद नहीं हुआ तो बैंक उससे चार्ज नहीं वसूलेंगे. अभी मेट्रो सिटी, शहरी, अर्ध शहरी और ग्रामीण इलाकों के हिसाब से अलग-अलग बैंकों में बचत खाते में मिनिमम बैलेंस रखने की लिमिट अलग-अलग है.

आधार से पैन नंबर की लिंकिंग : सरकार ने पैन को आधार से जोड़ने की आखिरी तारीख बढ़ाकर 30 जून कर दी थी. पहले यह 31 मार्च थी. अब अगर 30 जून डेडलाइन के अंदर आधार के साथ पैन लिंक नहीं किया गया तो यह मान्‍य नहीं रह जाएगा. आप ऐसा कोई फाइनेंशियल ट्रांजेक्शन नहीं कर पाएंगे, जहां पैन जरूरी होगा.

फॉर्म-16 को भरना : सरकार ने कंपनियों के लिए फॉर्म 16 जारी करने की मियाद बढ़ाकर 15 जून से 30 जून कर दी है. फॉर्म 16 टीडीएस सर्टिफिकेट होता है. कंपनी सैलरी से स्रोत पर जो कर कटौती करती है, इसमें इसका पूरा ब्‍यौरा होता है.

फॉर्म 15G/15H को जमा कराना : फॉर्म 15G और फॉर्म 15H को बैंक में जमा कर यह सुनिश्चित किया जा सकता है कि आपके बैंक अकाउंट में जमा पर हो रही ब्याज आय टैक्स के दायरे में नहीं आती. लिहाजा इस पर TDS न काटा जाए. सरकार ने जमा किए जा चुके फॉर्म 15जी और फॉर्म 15एच की वैधता को बढ़ाकर 30 जून 2020 किया है. CBDT ने तय किया है कि वित्त वर्ष 2019-20 में जमा किए गए फॉर्म 15G/15H 30 जून 2020 तक मान्य रहेंगे और बैंक/फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशन निवेशकों की ब्याज आय पर जून आखिर तक टैक्स नहीं काटेंगे.

Posted By : Vishwat Sen

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