नयी दिल्ली : भारतीय स्टेट बैंक ने मंगलवार को कहा कि उसने तीन लाख करोड़ रुपये की आपातकालीन क्रेडिट गारंटी योजना (ईसीएलजीएस) के तहत अभी तक एमएसएमई को 8,700 करोड़ रुपये का कर्ज दिया है. ये क्षेत्र कोरोना वायरस महामारी के कारण लागू लॉकडाउन से काफी हद तक प्रभावित हुआ है .
वित्त मंत्रालय के निर्देशों के अनुसार, एसबीआई और दूसरे बैंकों ने एनसीएमईटीसी के दिशानिर्देशों के अनुसार सूक्ष्य, लघु एवं मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) की मदद करने के लिए गारंटीशुदा आपातकालीन क्रेडिट लाइन (जीईसीएल) ऋण उत्पादों की पेशकश की है. ईसीएलजीएस पिछले महीने घोषित 20 लाख करोड़ रुपये के पैकेज का सबसे बड़ा राजकोषीय घटक है. इस योजना के तहत योग्य एमएसएमई और इच्छुक मुद्रा लेनदारों को जीईसीएल सुविधा के रूप में अतिरिक्त कर्ज दिया जाएगा.
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राष्ट्रीय क्रेडिट गारंटी न्यासी कंपनी (एनसीजीटीसी) इस ऋण की पूरी गारंटी लेती है. एसबीआई ने एक बयान में कहा, ‘‘बैंक ने 1.5 लाख एमएसएमई ग्राहकों को 15,000 करोड़ रुपये के जीईसीएल की मंजूरी दी है. एसबीआई अब तक 8,700 करोड़ रुपये के ऋण दे चुकी है.” बयान में कहा गया कि एमएसएमई ग्राहकों के लिए कोविड इमरजेंसी क्रेडिट लाइन, कार्यशील पूंजी सीमाओं का पुनर्मूल्यांकन और अग्रिमों का पुनर्गठन जैसे अतिरिक्त राहत उपाय भी किए जा रहे हैं.
बैंक ने बयान में कहा कि भारत सरकार द्वारा घोषित आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत एमएसएमई की बेहद महत्वपूर्ण हिस्सेदारी है. कोविड-19 संकट के मद्देनजर उन्हें सशक्त बनाने के लिए एमबीआई ने मई से अब तक 125 ई-टाउन हॉल बैठकों का आयोजन किया है.
Posted By – Pankaj Kumar Pathak
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