14.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

दाल के व्यवसाय से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बना रहीं मजबूत

रामगढ़ के बड़काचुंबा गांव के उच्चरिंगा टोला में ‘दुर्गा विकास सपोर्ट संघ’ की सदस्य दाल मिल खोल कर महिला सशक्तीकरण के साथ ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत बना रही हैं.

अजय कुमार, गिद्दी(हजारीबाग) : रामगढ़ के बड़काचुंबा गांव के उच्चरिंगा टोला में ‘दुर्गा विकास सपोर्ट संघ’ की सदस्य दाल मिल खोल कर महिला सशक्तीकरण के साथ ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत बना रही हैं. यहां की ‘सुरुचि नेचुरल अरहर दाल’ प्रदेश ही नहीं, बल्कि देश भर में पहचान बना रही है. वर्ष 2017 में जोबला गांव के आदिवासी महिला समूह ने जेएसएलपीएस की मदद से उच्चरिंगा टोला में दाल मिल खोली.

इस समूह को मांडू महिला एग्रीकल्चर फार्मर प्रोड्यूसर लिमिटेड कंपनी से जोड़ा गया. समूह ने कारोबार संचालन के लिए फार्मर लिमिटेड से कर्ज लिया दो लाख 18 हजार रुपये में दाल मिल के लिए मशीन पटना से खरीदी गयी, जिसके लिए राशि जेएसएलपीएस ने दी. मांडू प्रखंड में जैविक खेती करनेवाले सैकड़ों किसानों से महिला समूह ने खेत से उत्पादित अरहर लिया. उसके बाद से इस मिल के उत्पादन और कमाई में साल-दर-साल वृद्धि हो रही है.

आठ हजार किलोग्राम दाल उत्पादन का लक्ष्य : वर्ष 2017 में महिला समूह ने 1270 किग्रा अरहर दाल का उत्पादन किया, जबकि 2018 में 2208 किग्रा और 2019 में 4800 किग्रा उत्पादन किया. पिछले वर्ष महिलाओं ने लगभग पांच लाख रुपये कमाये थे. इस वर्ष आठ हजार किग्रा अरहर दाल उत्पादन करने का लक्ष्य रखा गया है. लॉकडाउन ने महिलाओं के सामने परेशानी खड़ी कर दी है. इसके बाद भी महिलाओं के हौसले बुलंद हैं.

बाजार से कम कीमत पर मिलती है दाल : मिल से उत्पादित दाल बाजार से कम मूल्य पर मिलती है. एक किलो दाल की कीमत फिलहाल 100 रुपये रखी गयी है. लॉकडाउन में यहां की दाल गरीबों और मजदूरों के बीच वितरण की गयी. झारखंड के कई जिलों में यहां की दाल की खपत की जाती है, लेकिन अब मुंबई में भी इस दाल की मांग हो रही है. दिल्ली और रांची में उत्पाद का हो चुका है प्रदर्शन, मुंबई में भी हो रही इस दाल की मांग पटना से खरीदी गयी थी दाल मिल मशीन, जेएसएलपीएस ने की थी आर्थिक मदद आठ हजार किलोग्राम दाल उत्पादन का लक्ष्य

महि

लाओं के जीवन में आयी है खुशहाली : सपोर्ट संस्था के लोकनाथ महतो दाल मिल के संचालन में महिलाओं की मदद कर रहे हैं. समूह में 12 महिला सदस्य हैं. तीन-चार महिलाएं इस कारोबार में दक्ष हो गयी हैं. दुर्गा महिला विकास सपोर्ट संघ की अध्यक्ष मीना देवी और सचिव मंगियो देवी ने कहा कि समूह की सभी महिलाएं आत्मनिर्भर बन रही हैं. जीवन में खुशहाली आयी है. बच्चे अच्छे स्कूल में पढ़ रहे हैं. हमसे कई महिलाओं को आगे बढ़ने की प्रेरणा मिलेगी.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें