मध्य प्रदेश के राज्यपाल लालजी टंडन की हालत नाजुक हो गई है. सांस लेने में तकलीफ होने के बाद उन्हें सोमवार को लखनऊ के मूल निवासी लालजी टंडन का इलाज आननफानन में वेंटिलेटर पर शिफ्ट किया गया है. लालजी टंडन को बुखार था और उन्हें पेशाब संबंधी समस्या भी थी. इसके बाद 11 जून को सांस की समस्या होने पर उन्हें शहीद पथ स्थित मेदांता अस्पताल में भर्ती कराया गया. जहां जांच में डॉक्टरों ने पाया कि यूरेनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन है. फिर उन्हें एंटीबायोटिक की डोज दी गईं. संक्रमण कम होने के साथ ही बुखार भी कम हुआ. बुखार की वजह से उनकी कोरोना जांच भी हुई. पर रिपोर्ट नेगिटिव आई. इसके बाद डॉक्टरों ने रात में ही लिवर की जांच की . इसके लिए सीटी गाइडेड प्रोसीजर तकनीक का इस्तेमाल किया. प्रोसीजर के बाद पेट के ओमेंटम से रक्तस्राव होने लगा. यह रक्त पेट में इकट्ठा हो रहा था, जो कि घातक हो सकता था. इस देखते हुए डॉक्टरों ने तुंरत ऑपरेशन का फैसला किया.
ऑपरेशन करके रक्तसाफ कर ब्लीडिंग बंद की गई. ऑपरेशन के बाद उन्हें कुछ घंटों तक वेंटिलेटर पर रखा गया. इसके बाद सुधार देखकर वेंटिलेटर सपोर्ट हटा लिया गया. लखनऊ मेदांता हॉस्पिटल के निदेशक डॉक्टर राकेश कपूर ने सोमवार को लालजी टंडन का हेल्थ बुलेटिन जारी करते हुए बताया कि उन्हें फेफड़े, लीवर और किडनी में दिक्कत के चलते इलेक्टिव वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा गया है. साथ उनका डायलिसिस भी चल रहा है. राकेश कपूर ने बताया कि लालजी टंडन की हालत गंभीर मगर नियंत्रण में है. चिकित्सकों के अनुसार, पूर्ण रूप से स्वस्थ होने पर ही टंडन को डिस्चार्ज किया जाएगा.
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वहीं उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मध्य प्रदेश के राज्यपाल लालजी टंडन से मुलाकात की और उनका हाल-चाल जाना. इस दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ लालजी टंडन के पुत्र सह उत्तर प्रदेश के नगर विकास मंत्री आशुतोष टंडन ‘गोपाल जी’ भी थे. लाल जी टंडन ने राजनीति में लंबी पारी खेली है. टंडन उत्तर प्रदेश में भाजपा तथा बसपा की सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे थे. पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी के बाद लालजी टंडन लखनऊ के सासंद बने थे और पूर्व प्रधानमंत्री की विरासत संभाली थी.
Posted by: Pawan Singh