रांची : झारखंड में तीन साल की एक बच्ची से दुष्कर्म के बाद उसकी सिर काटकर हत्या के मामले में कोर्ट ने तीन दरिंदों को सजा सुनायी है. जमशेदपुर स्थित एडीजे-5 सुभाष की अदालत ने सोमवार (15 जून, 2020) को बलात्कार एवं हत्या के आरोपियों को सजा सुनायी. कोर्ट ने मुख्य आरोपी को मृत्युपर्यंत आजीवन कारावास की सजा सुनायी है. उस पर 90 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है. सरकारी वकील ने कहा है कि वह ऊपरी अदालत में मुजरिम को फांसी की सजा देने की अपील करेंगे.
मुख्य आरोपी का नाम रिंकू साव है और इस मामले में उसे सबसे अधिक सजा कोर्ट की ओर से सुनायी गयी है. दूसरे आरोपी का नाम मोनू मंडल है. उसे 10 साल के कारावास की सजा सुनायी गयी है, जबकि 20 हजार रुपये का अर्थदंड भी उस पर लगाया गया है.
इस जघन्य अपराध के तीसरे आरोपी का नाम कैलाश कुमार है, जिसे कोर्ट ने 7 साल की सजा सुनायी है. उसे 10 हजार रुपये का जुर्माना भरने का आदेश बी अदालत ने दिया है. इन तीनों ने मिलकर टाटानगर रेलवे स्टेशन से एक तीन साल की बच्ची का अपहरण किया. बाद में इस बच्ची की सिर कटी लाश बरामद हुई, तो पुलिस ने मामले की जांच की.
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दरअसल, पूर्वी सिंहभूम के टाटानगर रेलवे स्टेशन से 25 जुलाई, 2019 को 3 साल की एक बच्ची का अपहरण करके उसे बर्मामाइंस ले जाया गया. वहां के एक मकान में ले जाकर इस मासूम से दुष्कर्म किया गया और बाद में सिर काटकर बच्ची के शव को फेंक दिया गया. पुलिस ने मामले की जांच शुरू की और तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर उनके खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट फाइल की.
जमशेदपुर की अदालत में इन तीनों आरोपियों के खिलाफ बलात्कार एवं हत्या का मुकदमा शुरू हुआ. कोर्ट ने 12 जून, 2020 को साक्ष्यों के आधार पर इन तीनों को बलात्कार एवं हत्या का दोषी पाया. कोर्ट ने शुक्रवार (12 जून, 2020) को फैसला सुरक्षित रख लिया था. सोमवार (15 जून, 2020) को कोर्ट ने सभी दोषियों रिंकू साव, मोनू मंडल और कैलाश कुमार की सजा का एलान कर दिया.
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उधर, सरकारी वकील सुशील जायसवाल ने कहा है कि अपराधियों ने जिस जुर्म को अंजाम दिया है, उसके लिए उन्हें पर्याप्त सजा नहीं दी गयी है. पूर्वी सिंहभूम के उपायुक्त के माध्यम से वह ऊपरी अदालत में अपील करेंगे और कोर्ट से आग्रह करेंगे कि जघन्य अपराध को अंजाम देने वाले इन मुजरिमों को फांसी की सजा सुनायी जाये.
Posted By : Mithilesh Jha