नयी दिल्ली : पत्रकार विनोद दुआ को राहत देते हुए उच्चतम न्यायालय ने रविवार को एक विशेष सुनवाई में आदेश दिया कि दुआ के यू-ट्यूब शो को लेकर हिमाचल प्रदेश में उनके खिलाफ दर्ज राजद्रोह के मामले में राज्य पुलिस उन्हें छह जुलाई तक गिरफ्तार नहीं करेगी. शीर्ष अदालत ने कहा कि दुआ को जांच में शामिल होना पड़ेगा और हिमाचल प्रदेश पुलिस की ओर से चल रही जांच पर कोई रोक नहीं लगायी जायेगी.
अदालत ने कहा कि दुआ को वीडियो कॉन्फ्रेंस या ऑनलाइन तरीके से जैसा कि उन्होंने पेशकश की है, जांच में शामिल होना होगा. न्यायमूर्ति यू यू ललित, न्यायमूर्ति एम एम शांतनगौडर और न्यायमूर्ति विनीत सरन की पीठ ने राजद्रोह के मामले को रद्द करने की मांग वाली दुआ की याचिका पर केंद्र और हिमाचल प्रदेश सरकार को नोटिस भेजा है और दो सप्ताह में जवाब देने को कहा और मामले में सुनवाई की अगली तारीख छह जुलाई को तय की.
पीठ ने कहा, ‘अगले आदेश तक मौजूदा अपराध के सिलसिले में याचिकाकर्ता (दुआ) को गिरफ्तार नहीं किया जायेगा.’ न्यायालय ने कहा, ‘हालांकि याचिकाकर्ता (दुआ) जैसा कि उन्होंने 12 जून के अपने संवाद में पेशकश की है, वीडियो कॉन्फ्रेंस या ऑनलाइन माध्यम से जांच में पूर्ण सहयोग करेंगे, हिमाचल प्रदेश पुलिस जांच करने और 24 घंटे पहले नोटिस देकर याचिकाकर्ता से उनके घर पर सामाजिक दूरी का पालन करते हुए पूछताछ के लिए स्वतंत्र है.’
पीठ ने कहा कि संबंधित जांच अधिकारी को अदालत द्वारा खुले रूप से सुनवाई शुरू किये जाने के बाद व्यक्तिगत रूप से पेश होना होगा या फिर अदालत द्वारा वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए सुनवाई किये जाने के दौरान भी उन्हें उपलब्ध रहना होगा. पीठ ने इस बीच दुआ को निर्देश दिया कि वे अपनी याचिका में शिकायतकर्ता अजय श्याम को भी पक्ष बनाएं और भाजपा नेता को भी छह जुलाई के लिए नोटिस जारी किया.
शिमला में पुलिस ने एक स्थानीय भाजपा नेता की राजद्रोह की शिकायत पर पूछताछ के लिए दुआ को उपस्थित होने को कहा था। भाजपा की महासू इकाई के अध्यक्ष अजय श्याम द्वारा पिछले महीने दाखिल शिकायत के आधार पर दुआ के खिलाफ आईपीसी की धाराओं 124ए (राजद्रोह), 268 (सार्वजनिक अव्यवस्था से संबंधित), 501 (अपमानजनक समझी जाने वाली सामग्री का मुद्रण) और 505 (सार्वजनिक उपद्रव को भड़काने वाले बयान) के तहत मामला दर्ज किया गया है.
राष्ट्रीय राजधानी में दर्ज करायी गयी शिकायत की तरह ही शिमला में वरिष्ठ पत्रकार के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी भी इस साल दिल्ली में हुए सांप्रदायिक दंगों से जुड़े उनके यूट्यूब शो से संबंधित है. शिकायत के अनुसार दुआ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर वोट हासिल करने के लिए ‘मौतों और आतंकी हमलों’ का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया था.