पटना : कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण के रोकथाम के लिए दूसरे राज्यों से बिहार आने वाले प्रवासियों के लिए बनाए गए कोरेंटिन सेंटर कल से बंद हो रहे हैं. राज्य सरकार के निर्देश पर राज्यभर में ब्लाॅक स्तर पर बने कोरेंटिन सेंटर 15 जून से बंद हो जायेगा. बिहार सरकार के आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा जारी आदेश जो कि 31 मई को जारी किया गया था. इस संबंध में आपदा विभाग ने पूर्व में हीं निर्णय लिया है. इस निर्णय के मद्देनजर राज्य सरकार ने एक जून के बाद आने वाले श्रमिकों का पंजीकरण बंद किया जा चुका है. जबकि तीन जून से आपदा राहत केंद्र बंद किया जा रहा है. आपदा प्रबंधन की ओर से इस बाबत सभी जिलाधिकारियों को आदेश जारी किया गया है.
बता दें कि अधिकारियों के मुताबिक विभाग की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि एक जून से केंद्र सरकार की ओर से अनलॉक वन में मिली छूट के बाद प्रवासी मजदूरों के मामले में कुछ आवश्यक संशोधन किया गया है. इसके तहत राज्य में चल रहे आपदा राहत केंद्र और सीमा आपदा राहत केंद्रों को तीन जून से बंद कर दिया जायेगा
बता दें किबिहार के कोरेंटिन सेंटर में 15.30 लाख प्रवासियों ने अपने कोरेंटिन की अवधि बितायी है. शनिवार को राज्य में 1394 प्रखंड कोरेंटिन सेंटर रह गये है, जिनमें 22 हजार 513 लोग आवासित हैं. 15 लाख आठ हजार 348 लोग निर्धारित अवधि को पूरी कर अपने घर वापस जा चुके हैं. राज्य के सूचना सचिव अनुप कुमार ने इस बात की जानकारी दी. 31 मई को बिहार सरकार ने निर्णय लिया था कि श्रमिक स्पेशल को छोड़ बाकी ट्रेनों से आने वालों को कैम्पों में नहीं रखा जाएगा. वही राज्य के कोरेंटिन सेंटर में 15 लाख से अधिक प्रवासी रह रहे थें.
गौरतलब है कि नए नियमों के तहत बिहार सरकार भले ही क्वारंटाइन केंद्र बंद कर रही है, लेकिन बाहर से आने वाले लोगों की रैंडम जांच की जाएगी. साथ ही सर्वे का भी सहारा लिया जाएगा. जो लोग बाहर से बिहार आएंगे उनके लिए होम कोरेंटिन की व्यवस्था की जा रही है, ताकि किसी भी तरह के खतरे को तुरंत दूर किया जा सके. बिहार में कोरोना संक्रमण से जुड़ी हर News in Hindi से अपडेट रहने के लिए बने रहें हमारे साथ.