Surya Grahan 21 June: इस सप्ताह के आखिरी दिन 21 जून दिन रविवार को सूर्य ग्रहण लगेगा. यह ग्रहण बहुत दुर्लभ माना जा रहा है. इसका विशेष महत्व है. शास्त्र के अनुसार इस ग्रहण के समय जो खगोलीय स्थिति बन रही है, वह 900 साल बाद हो रही है. इसका अपना प्रभाव है. वहीं, 21 जून को 06 ग्रह उल्टी चाल चल रहे होंगे. इसे लेकर अलग-अलग ज्योतिष का मत हैं, लेकिन सभी इसे दुर्लभ और अत्यंत महत्वपूर्ण घटना बता रहे हैं. देश-दुनिया के वैज्ञानिकों, शिक्षकों, बच्चों और खगोल शास्त्रियों, ज्योतिषों की निगाहें इस ग्रहण की ओर लगी हुईं हैं.
सूर्य ग्रहण में सूतक काल मान्य होगा. सूतक काल एक दिन पहले ही लग जाएगा. यह ग्रहण भारत, दक्षिण पूर्व यूरोप एवं पूरे एशिया में देखा जा सकेगा. पिछले साल के आखिरी सप्ताह और इस साल के पहले सप्ताह में ग्रहण का संयोग था. पहले सूर्य ग्रहण उसके बाद चंद्र ग्रहण लगा था. अब इस बार पहले चंद्र ग्रहण लगा है और उसके बाद सूर्य ग्रहण होगा. इसके बाद आगामी 5 जुलाई को एक बार फिर से चंद्र ग्रहण लगेगा. लगातार तीन ग्रहण लगना बहुत ही दुर्लभ माना जा रहा है.
21 जून के दिन सूर्य ग्रहण लग रहा है जो बहुत ही दुर्लभ बताया जा रहा है, जिस तरह का यह ग्रहण है वैसा 900 साल बाद घटित हो रहा है. सूर्य ग्रहण के दौरान सूर्य वलयाकार की स्थिति में केवल 30 सेकंड की अवधि तक ही रहेंगे, इसके चलते सौर वैज्ञानिक इसे दुर्लभ बता रहे हैं. ग्रहण के दौरान सूर्य और चंद्रमा के बीच की दूरी ही इसकी खास वजह रहेगी. ग्रहण के दौरान सूर्य किसी छल्ले की भांति नजर आएंगे.
ग्रहण के दौरान सूर्य से पृथ्वी की दूरी 15 करोड़ 2 लाख 35 हजार 882 किमी रहेगी. इस दौरान चांद भी 3 लाख 91 हजार 482 किमी की दूरी से अपने पथ से गुजर रहा होगा. अगर चांद इस दौरान पृथ्वी के पास होता तो यह ग्रहण एक पूर्ण सूर्यग्रहण बन जाता. इसी तरह अगर सूर्य थोड़ा और पास होता तो ग्रहण का नजारा बदल जाता. अब सूर्य ग्रहण वलयाकार होगा, यानी चांद पूरी तरह से सूर्य को नहीं ढंक पाएगा. करीब 30 सेकंड के लिए ही चांद सूर्य के बड़े भाग को कवर करेगा. अंत में सूर्य का आखिरी हिस्सा एक चमकती हुई रिंग के समान नजर आएगा. 30 सेकंड के बाद यह ग्रहण समाप्त हो जाएगा.
सूर्य ग्रहण का 21 जून की सुबह 10 बजकर 42 मिनट पर होगा. यह वलयाकार सूर्य ग्रहण रहेगा. इसका सूतक काल एक दिन पहले से ही शुरू हो जाएगा. सूतक 20 जून की रात 10 बजे से शुरू होगा. ग्रहण का मध्य 12 बजकर 24 मिनट दोपहर पर होगा. इसका मोक्ष दोपहर 2 बजकर 7 मिनट पर होगा. इस ग्रहण की कुल अवधि 3 घंटे 25 मिनट की रहेगी. यह अधिकांश भू-मंडल पर दिखाई देगा. इसके बाद मौजूदा वर्ष के अंत में एक और सूर्य ग्रहण लगेगा.