बदलेगी ग्रामीण क्षेत्र के स्कूलों की तस्वीर
चक्रधरपुर : राज्य में प्रारंभिक शिक्षकों (प्राथमिक व मध्य) का सामूहिक स्थानांतरण होना है. जिसकी विभागीय तैयारी चरम पर है. ये स्थानांतरण कई मायने में अहम होगा. जिस आधार पर राज्य सरकार ने स्कूलों का प्रक्षेत्र निर्धारण कर रखा है, यदि उस पर सही तरीके से अमल होता है तो निश्चित रूप से हजारों शिक्षकों और स्कूलों का भला होना तय है.
स्थानांतरण के लिए हर एक शिक्षक-शिक्षिका से पदस्थापना विवरणी तलब की जा चुकी है. नियुक्ति तिथि से पदस्थापित अलग-अलग स्कूलों का विवरण भी मांगा गया है. विभाग द्वारा शिक्षकों का पूर्ण विवरण समेकित करने का काम किया जा रहा है. ये काम पूरा होते ही स्थानांतरण-पदस्थापन आदेश जारी होगा.
ग्रामीण क्षेत्र के स्कूलों को मिलेंगे शिक्षक: पूर्व में युक्तिकरण और स्वैच्छिक स्थानांतरण किये जाते रहे हैं. युक्तिकरण में स्कूल का ऑप्शन मिलता था, जिससे शिक्षक शहरी क्षेत्र के स्कूलों को तरजीह देते थे. इससे गांव के स्कूलों में कम शिक्षक जा पाते थे. स्वैच्छिक स्थानांतरण में भी आवेदन के साथ शिक्षक तीन स्कूलों का ऑप्शन देते थे.
जिनमें से किसी एक में उन्हें पदस्थापित किया जाता था. ऐसे में सुदूर ग्रामीण क्षेत्र के स्कूलों में शिक्षकों की कमी रह जाती थी. लेकिन अब होगा यूं कि नियुक्ति काल से जो शिक्षक केवल शहरी क्षेत्र में कार्यरत थे, उन्हें गांवों में भेजा जायेगा.
नियम के अनुसार सेवा काल में शिक्षकों को सभी पांच जोन में पदस्थापित होना ही है. इस लिहाज से सुदूर ग्रामीण क्षेत्र के स्कूलों को भी अब शिक्षक मिलेंगे. नयी स्थानांतरण नियमावली के अनुसार अब सभी पांच जोन में शिक्षकों की सेवा अनिवार्य हो गयी है.