देहरादून में भारतीय सैन्य अकादमी (IMA) में आज पासिंग आउट परेड का आयोजन किया गया. यह पासिंग आउट परेड 146 रेगुलर कोर्स और 129 टेक्निकल ग्रेजुएट कोर्स के लिए आयोजित की गयी थी. यह पहली पासिंग आउट परेड थी जिसमें 333 भारतीय और नौ विदेशी देशों के 90 जेंटलमैन कैडेट सेना के अधिकारी बने. सेना प्रमुख जनरल नरवने ने परेड का निरीक्षण किया और अधिकारियों को सेना में शामिल किया. पासिंग आउट परेड किसी भी कैडेट के जीवन का सबसे बेहतरीन पल होता है. यह उसकी सालों की मेहनत का परिणाम होता है. इसके लिए कैडेट्स को एक कठोर प्रशिक्षण के दौर से गुजरना पड़ता है.
कोविड-19 का असर इस पूरे परेड के दौरान दिखा. परेड के दौरान कैडेट्स के बीच सामाजिक दूरी के नियम का पालन करते हुए दो मीटर की दूरी दिखी. सभी के चेहरे पर मास्क थे. आईएमए की पासिंग आउट परेड के इतिहास में शायद पहली बार ऐसा हुआ जब कैडेट्स के चेहरे पर मास्क थे. दो कैडेट्स के बीच दो मीटर की दूरी थी. आमतौर पर कैडेट्स के माता-पिता या रिश्तेदार पासिंग आउट परेड के बाद कैडेटों के कंधों पर रैंक लगाते हैं. पर इस बार पास होने वाले कैडेट्स के माता-पिता को भी परेड में शामिल होने की इजाजत नहीं दी गयी थी. कोरोना वायरस से निपटने के लिए जारी गाइडलाइंस का इस दौरान पूरी तरह पालन किया गया. इसके साथ ही परेड की लाइव स्ट्रीमिंग सोशल मीडिया पर दिखाई गयी.
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पासिंग करने वाले अधिकारियों के बैच को संबोधित करते हुए, सीओएएस जनरल नरवने ने भारतीय सेना में उनका स्वागत करते हुए उन्हें राष्ट्र सेवा संकल्प याद दिलाया. इसके अलावा सेना प्रमुख ने कहा कि भारतीय सेना ने जाति, पंथ, धर्म या लिंग के आधार पर कोई भेदभाव नहीं किया है. उन्हें सभी के लिए समान विकास और सेवा के अवसरों का मौका दिया है. जनरल नरवने ने कैडेटों के माता-पिता को भी बधाई दी और समारोह में शामिल नहीं हो पाये परिवारों के लिए खेद व्यक्त किया. चीन के साथ हो रहे सीमा विवाद को लेकर उन्होंने कहा कि चीन से हालात सामान्य है. बातचीत से समस्या को सुलझा लिया जायेगा. नेपाल के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि नेपाल के साथ भारत के रिश्ते बहुत अच्छे हैं.
Posted By: Pawan Singh