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एंटी भू-माफिया मामलों में आरोपियों की गिरफ्तारी पर पुलिस सुस्त

भू- माफियाओं के खिलाफ अभियान चलाने के लिए भले ही सूबे की योगी सरकार ने सरकार बनाने के बाद से ही एंटी भू-माफिया सेल का गठन कर यह बता दिया कि अब जमीन पर कब्जा करने वालों की खैर नहीं हैं.

भू- माफियाओं के खिलाफ अभियान चलाने के लिए भले ही सूबे की योगी सरकार ने सरकार बनाने के बाद से ही एंटी भू-माफिया सेल का गठन कर यह बता दिया कि अब जमीन पर कब्जा करने वालों की खैर नहीं हैं. बावजूद इसके भू माफियाओं पर नकेल नहीं लगाई जा सकी. ऐसे ही एक संगीन मामले का खुलासा दो साल पहले संयुक्त मजिस्ट्रेट विपिन जैन की तीन सदस्यीय टीम ने किया, जिसके बाद राजिस्ट्री आफिस के अधिकारी से लेकर बाबू और भू माफियाओं के खिलाफ शहर कोतवाली में दर्ज कराया गया था. इसमें अब तक सिर्फ एक ही व्यक्ति की गिरफ्तारी ही पुलिस ने की है.

ऐसे मामलों में पुलिस को सक्रियता दिखानी चाहिये, जबकि भू-माफियाओं ने एक नहीं बल्कि कई जमीनों में ऐसा किया है कि वास्तविक पक्षकार न होने के बाद भी उस जमीन को अपने ही सगे संबंधियों में औने-पौने दाम लेकर खरीद बिक्री कर दिया गया है. राजिस्ट्री आफिस में फर्जी बैनामा कराने और उसकी फर्जी नकल जारी करने और दस्तावेज में हेराफेरी करने की शिकायत की जांच करने वाली विपिन जैन की तीन सदस्यीय टीम की रिपोर्ट के आधार पर कुल सात बैनामों की विस्तृत जांच में प्रथम दृष्टया सभी बैनामे फर्जी पाये गये. दरअसल, 2018 में पहली बार ऐसे बैनामे प्रकाश में आये थे.

लिहाजा जांच समिति ने इस फर्जीवाड़े से जुड़े व्यक्तियों व सरकारी कर्मचारियों के विरूद्ध आपराधिक मुकदमा दर्ज कराने की संस्तुति तत्कालीन डीएम भवानी सिंह खंगारौत से की थी. इस मामले में समस्त दस्तावेज को जिला निबंधक एवं उपनिबंधक सदर के माध्यम से सील करके कोषागार के डबल लॉक में रखवा दिया गया. साथ ही यह आदेश भी दिया गया कि फर्जी दस्तावेजों के आधार पर अपराधी तत्वों मूल मालिक और कब्जेदारों के कब्जे में दखल ना पैदा किया जाये.

डीएम ने तत्काल इस मामले में एंटी भू माफिया कानून के तहत कार्रवाई करने का फरमान भी जारी कर दिया. इस प्रकरण में उपनिबंधक लक्ष्मण चौबे की तहरीर पर करीब 30 लोगों के खिलाफ नामजद मुकदमा दर्ज किया गया. जबकि दूसरी तरफ से उपनिबंधक लक्ष्मण चौबे सहित कई अन्य लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया. इस मामले में कोतवाली पुलिस की ओर विवेचना इंस्पेक्टर क्राइम रमेश यादव को मिली, जिसमें वे सिर्फ एक हासिये के गवाह की ही गिरफ्तारी कर सके. जबकि बाकी के रसूखदार लोगों की अब तक गिरफ्तारी नहीं की गई.

बैरिया में अपने ही पार्टी के खिलाफ लड़ रहे भाजपा के विधायक :

बैरिया विधायक सुरेंद्र सिंह ने अपने ही पार्टी के सांसद के भांजे के खिलाफ भू-माफिया की बात कहकर बकायदा आंदोलन की चेतावनी तक दे डाली हैं. उनका कहना है कि इस जमीन पर सुदिष्ट बाबा का ऐतिहासिक मेला काफी दिनों से लगता चला आ रहा है, जिसपर गलत तरीके से नाम चढ़ाकर कब्जा किया जा रहा हैं. ऐसे में हम सत्ता से लेकर हर स्तर पर उसकी शिकायत दर्ज करा चुके हैं. किसी भी कीमत पर इस जमीन को भू माफियाओं के कब्जे में नहीं जाने देंगे, पूरे द्वाबा के लोगों के साथ मिलकर बड़ी लड़ाई लड़ेंगे. सत्ता पक्ष से जुड़े होने के कारण इस मामले पर सबकी नजर लगी है. वहीं प्रशासनिक अधिकारी कुछ भी बोलने की स्थिति में नहीं है.

इस मामले में सीओ सिटी अरुण कुमार सिंह ने बताया कि भू माफियाओं के खिलाफ विवेचना जारी है इस मामले में एक व्यक्ति की गिरफ्तारी हुई है अन्य आरोपियों की भी जल्द ही गिरफ्तारी कराई जाएगी

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