जयपुर : राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और लगभग 100 कांग्रेसी एवं निर्दलीय विधायक गुरुवार (11 जून, 2020) की रात जयपुर-दिल्ली राष्ट्रीय राजमार्ग स्थित एक रिसोर्ट में रुके. राज्यसभा चुनावों से पहले पार्टी के विधायकों को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) द्वारा अपने पाले में करने के आरोपों के बीच यह कदम उठाया गया. विधायकों ने राजस्थान में 19 जून को राज्यसभा के तीन सीटों पर होने वाले चुनाव पर चर्चा की.
पार्टी सूत्रों के अनुसार, विधायकों को खरीद-फरोख्त से बचाने के लिए रिसोर्ट में रुकने को कहा गया है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बुधवार को विधायकों को लालच देकर खरीदे जाने के प्रयासों का आरोप लगाया था. वह स्वयं पूरी व्यवस्था को देख रहे हैं.
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मुख्य सचेतक महेश जोशी ने बताया कि बृहस्पतिवार रात को 8-10 विधायक व्यक्तिगत और स्वास्थ्य कारणों से रिसोर्ट से लौट गये थे कि वे शुक्रवार को वापस आयेंगे. अन्य लगभग सभी 100 विधायकों ने बीती रात रिसोर्ट में बितायी.
पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की उपस्थिति में विधायकों की एक बैठक कांग्रेस पार्टी के प्रत्याशियों केसी वेणुगोपाल और नीरज डांगी के साथ शुक्रवार यानी 12 जून, 2020 को होगी. राजस्थान में राज्यसभा की तीन सीटों के लिए चुनाव 19 जून को होगा, जिसके लिए कांग्रेस ने केसी वेणुगोपाल ओर नीरज डांगी को प्रत्याशी के रूप में चुनाव मैदान में उतारा है.
वहीं, भाजपा ने शुरुआत में राजेंद्र गहलोत को अपना प्रत्याशी बनाया था, लेकिन पार्टी ने नामांकन के अंतिम दिन ओंकार सिंह लखावत को दूसरे प्रत्याशी के रूप में मैदान में उतारकर सबको चौंका दिया. 200 सीटों की विधानसभा में कांग्रेस के पास पिछले साल बहुजन समाज पार्टी (बसपा) को छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुए छह विधायकों सहित 107 विधायक हैं.
पार्टी को राज्य में 13 में से 12 निर्दलीय विधायकों का समर्थन प्राप्त है, जबकि भाजपा के पास 72 विधायकों के साथ ही राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के तीन विधायकों का समर्थन प्राप्त है. कांग्रेस के पास अपने दोनों उम्मीदवारों को जिताने के लिए पर्याप्त बहुमत है.