राजेश कुमार, रांची : लॉकडाउन के कारण किसानों की कमर पहले ही टूट चुकी है. अब उन पर दोहरी मार पड़नी शुरू हो गयी है. सामान की कमी व किराया बढ़ने का हवाला देकर कृषि में उपयोग होनेवाले कई सामान की कीमत बढ़ा दी गयी है. वहीं, कुछ होलसेलरों का कहना है कि चीन से आनेवाले कई सामान की कीमतें बढ़ी हैं. इस कारण कीमतों में उछाल आयी है. कीमतें बढ़ने से किसान परेशान हैं.
धान बीज में पायनियर हाइब्रिड बीज की कीमत 260-300 रुपये प्रति किलो से बढ़ कर 280 से 330 रुपये प्रति किलो हो गयी है. वहीं, बायर 6444 बीज की कीमत 270 से बढ़ कर 285-295 रुपये प्रति किलो और एडवांटा बीज की कीमत 260 से बढ़ कर 280 रुपये प्रति किलो हो गयी है.
इसके अलावा फ्रेंचबीन बीज के 100 ग्राम की कीमत 60-70 रुपये से बढ़ कर 100 रुपये, एक किलो मक्का बीज की कीमत 120 से बढ़ कर 150 रुपये, एक किलो पालक साग बीज की कीमत 100 से बढ़ कर 140 रुपये प्रति किलो हो गयी है. स्प्रे मशीन की मांग बढ़ने के कारण इसकी कीमत भी बढ़ गयी है. 900-1,100 रुपये वाली स्प्रे मशीन की कीमत 1,100-1300 रुपये हो गयी है. स्प्रे मशीन का प्रयोग सैनिटाइजेशन में भी खूब हो रहा है.
एमआरपी से भी अधिक कीमत में बिक रहा यूरिया
कोरोना और लॉकडाउन के कारण पहले ही टूट चुकी है किसानों की कमर
दाम बढ़ने के कारण पड़ रही दोहरी मार
कीटनाशक, डीएपी और यूरिया में कितनी वृद्धि हुई
50 किलो वाले डीएपी की कीमत 1,200 रुपये से बढ़ कर 1,300-1,350 रुपये हो गयी है. 45 किलो वाले यूरिया की एमआरपी 265 रुपये है, जबकि किसानों से 350 रुपये लिये जा रहे हैं. डीएपी और यूरिया महंगा मिलने की बात जब भी सामने आती है, तो विभाग भी खानापूर्ति करने लगता है. वहीं, कीटनाशक में 100 एमएल वाले एकालक्स की कीमत 65-70 से बढ़ कर 85-90 रुपये, रोगोर की कीमत 65 से बढ़ कर 85 रुपये हो गयी है.
जबकि, फफूंदनाशी में 100 ग्राम डायथेन एम45 की कीमत 40 से बढ़ कर 55 रुपये, 50 ग्राम बाविस्टिन की कीमत 70-75 रुपये से बढ़ कर 125 रुपये और 20 ग्राम वाले साफ ब्रांड की कीमत 20 रुपये से बढ़ कर 25 रुपये हो गयी है. खरपतवार नाशक में 100 ग्राम वाले अनु 71 की कीमत 60 रुपये से बढ़ कर 90 रुपये और 250 एमएल ग्रोमोक्सोन की कीमत 120 से बढ़ कर 140-150 रुपये हो गयी है. इसी तरह अन्य कंपनियों ने भी अपने ब्रांड के दाम बढ़ा दिये हैं.