रांची : विधायक बंधु तिर्की ने मुख्यमंत्री और राजस्व व निबंधन सचिव को झारखंड के लोहरा आदिवासियों की व्यथा से अवगत कराया है. उन्होंने पत्र में लिखा है कि झारखंड राज्य के अनुसूचित जनजाति सूची के क्रमांक-21 पर लोहरा जाति दर्ज है. पूरे प्रदेश में वास्तविक लोहरा जाति का सर्वे खतियान 1930-32 पर लिपिकीय भूलवश अधिकांश रूप में कौम लोहार दर्ज है.
इसकी पुष्टि भी सक्षम विभागों व संस्थानों द्वारा 2002 में की गयी है. लोहरा व लोहार में अंतर भी बताया गया है, लेकिन भूमि हस्तांतरण और दाखिल-खारिज जैसे अत्यंत महत्वपूर्ण कार्य में इस अंतर का अनुपालन नहीं हो रहा है. ऐसे में वास्तविक लोहरा जनजाति को बड़ा नुकसान हो रहा है.
लोहरा खतियान के खाताधारकों को भू-माफिया एवं भ्रष्ट अधिकारियों की संलिप्तता से लोहार (ओबीसी) बताया जा रहा है. साथ ही गलत भूमि हस्तांतरित करने का खेल हो रहा है. ऐसे में लोहरा जनजातियों के संवैधानिक अधिकार का हनन हो रहा है. विधायक बंधु तिर्की ने मामले की जांच कराते हुए लोहरा की भूमि की रजिस्ट्री और म्यूटेशन पर रोक लगाने की मांग की है.
posted by : Pritish Sahay