अंगूर जहां ठंडे प्रदेशों व मुल्कों में उपजाया जाता है. उस मिथक को मोतिहारी के मधुबन स्थित वाजितपुर पंचायत के बहुआराभान के स्नेही राय ने तोड़ दिया है. गांव के किसान करीब तीन वर्ष पहले मोतिहारी कचहरी से अंगूर का एक पौधा लाकर अपने दरवाजे पर चापाकल के पास लगाया, जो उसी वर्ष से फल देने लगा है. तीन वर्ष से वह प्रति वर्ष 15 से 20 हजार रुपये कमा रहा है. अंगूर में मिठास भी है.
अपनी कामयाबी से प्रभावित स्नेही अपने खेत में तीन और पौधे लगाकर आमदनी व प्रयोग को बढ़ाने की दिशा में काम कर चुका है. इधर, पूर्वी चंपारण के आत्मा पीडी रणवीर सिंह ने कहा कि खेती सफल हो रहा है. यह अच्छी बात है. किसान की बागवानी को देखकर आगे की रणनीति बनायी जायेगी.
स्नेही राय ने बताया कि उसके पुत्र जब कश्मीर व हिमाचल प्रदेश में मजदूरी करने गया था. वहां देखा कि अंगूर की अच्छी खेती की जा रही है, जहां से उसे प्रेरणा मिली. वह गांव आया तो उसे मोतिहारी कचहरी जाने का मौका मिला. वहां उसने अंगूर का पौधे बेचता देखा, जहां से दो पौधे लाकर लगाया था. उन्होंने कहा कि एक-दूसरे को देखकर लोग प्रेरणा ले रहे हैं.
Posted by : Thakur Shaktilochan Shandilya