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बेटों ने तिरंगा में लपेटकर पिता को किया विदा, लगाये भारत माता की जय के नारे

जमशेदपुर/बांका : ओड़िशा में ट्रेनी विमान हादसे में मृत मूलरूप से बांका निवासी सीतारामडेरा के पायलट संजीव कुमार झा का शव मंगलवार की सुबह छह बजे उनके बर्मामाइंस लालबाबा फाउंड्री स्थित ससुराल पहुंचा. संजीव के पिता सदानंद झा समेत परिवार के अन्य लोग मंगलवार सुबह ही बर्मामाइंस पहुंच गये थे. शव के पहुंचते ही पत्नी रितु झा उससे लिपटकर देर तक राेती रही. दोनों बेटे ने यह कहते हुए उन्हें सहारा दिया कि पापा ने देश की सेवा की है वे अब भी हमारे बीच हैं. दोनों भाई आपका सहारा बनेंगे और पापा के सपनों को पूरा करेंगे. सोमवार को ओड़िशा में हुए विमान हादसे में सीतारामडेरा के प्रशिक्षु पायलट संजीव झा व महिला ट्रेनी की मौत हो गयी थी.

जमशेदपुर/बांका : ओड़िशा में ट्रेनी विमान हादसे में मृत मूलरूप से बांका निवासी सीतारामडेरा के पायलट संजीव कुमार झा का शव मंगलवार की सुबह छह बजे उनके बर्मामाइंस लालबाबा फाउंड्री स्थित ससुराल पहुंचा. संजीव के पिता सदानंद झा समेत परिवार के अन्य लोग मंगलवार सुबह ही बर्मामाइंस पहुंच गये थे. शव के पहुंचते ही पत्नी रितु झा उससे लिपटकर देर तक राेती रही. दोनों बेटे ने यह कहते हुए उन्हें सहारा दिया कि पापा ने देश की सेवा की है वे अब भी हमारे बीच हैं. दोनों भाई आपका सहारा बनेंगे और पापा के सपनों को पूरा करेंगे. सोमवार को ओड़िशा में हुए विमान हादसे में सीतारामडेरा के प्रशिक्षु पायलट संजीव झा व महिला ट्रेनी की मौत हो गयी थी.

इसके बाद बेटों ने तिरंगा में लपेटकर संजीव झा की अंतिम यात्रा निकाली. इस मौके पर भारत माता की जय के नारे भी लगाये…. आप ने कहा था फूल लेकर आऊंगा और खुद फूल में लिपटे हैंपति संजीव झा का शव देख रितु झा बिलख पड़ी. रितु ने कहा कि आपने कहा था कि फूल लेकर आऊंगा, लेकिन आप खुद फूल से लिपटे हैं. यह सुनकर उपस्थित सभी की आंखें नम हो गयी. रितु ने बेटों के रोकने के बावजूद अपनी चूड़ियां यह कहकर निकाल दी कि जब वे नहीं है तो श्रृंगार कैसा?

आर्मी ज्वाइन कर पूरा करूंगा पापा का सपना : अमनछोटे बेटे अमन झा ने कहा कि पापा का सपना था की वह आर्मी ज्वाइन कर देश की सेवा करे. उन्होंने कहा था देश के बड़ा सम्मान परमवीर चक्र होता है. तुम परमवीर चक्र लो और मैं तुम्हारे पीछे कुर्ता पहनकर खड़ा रहूं. मम्मी पीला साड़ी पहनकर रहेगी. मैं पापा के सपनों को पूरा करूंगा. आर्मी में बड़ा अफसर बनूंगा. दोनों भाई मम्मी का सहारा बनेंगे.

दो दिन पहले संजीव से बात हुई थी : पिता पिता सदानंद झा ने कहा कि जिसे मुझे कंधा देना था उसे मैं कंधा कैसे दूं. उन्होंने बताया कि दो दिन पहले ही संजीव से बात हुई थी. कुछ पैसे की जरूरत थी संजीव ने कहा था, इंतजाम हो जायेगा. उसके बाद बात ही नहीं हुई. पिछले साल पत्नी का देहांत हो गया था, अब बेटा भी साथ छोड़ गया.

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