गुमला : कोरोना महामारी से जंग में गुमला जिले में सात जून तक 26 हजार 751 लोगों की स्क्रीनिंग हुई है. जांच के बाद इनके हाथों में स्टांप मारा गया है. इसमें 19 हजार 329 लोगों को होम कोरेंटिन किया गया है. जबकि कोरोना संदिग्ध सात हजार 422 लोगों को पंचायत, प्रखंड व जिला स्तर के कोरेंटिन सेंटरों में रखा गया है. वहीं जिन लोगों को होम कोरेंटिन किया गया है. उनके हाथों में प्रशासन ने स्टांप मारा है. जिससे यह पता चल जायेगा कि किसे होम कोरेंटिन में 14 दिनों तक रहने का निर्देश प्रशासन द्वारा जारी किया गया है. पेश है गुमला के ब्यूरो दुर्जय पासवान की रिपोर्ट…
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जितने भी लोगों को होम कोरेंटिन किया गया है. ये सभी लोग प्रवासी मजदूर हैं और मुंबई, हरियाणा, चेन्नई, बिहार, बंगाल, दिल्ली, असम, छत्तीसगढ़ सहित अन्य राज्यों से लौटे हैं. वहीं कोरेंटिन सेंटरों में भी रखे गये सभी लोग प्रवासी मजदूर हैं और ये लोग भी हाई रेड जोन से गुमला लौटे हैं.
डीपीआरओ देवेंद्रनाथ भादुड़ी ने बताया कि अभी तक गुमला जिले में जितने भी कोरोना पॉजिटिव केस मिल रहा है. इसमें 97 प्रतिशत लोग प्रवासी मजदूर हैं जो मई के महीने में गुमला लौटे हैं. रेड जोन से लौटने वाले सभी प्रवासी मजदूरों को एहतियात के तौर पर कोरेंटिन सेंटरों में रखा जा रहा है. अगर कोई कोरोना संक्रमित मिल रहा है तो तुरंत उन लोगों को कोविड वार्ड व ब्लॉक के आइसोलेशन वार्ड में रखा जा रहा है.
डीपीआरओ ने बताया कि जिला स्तर पर एक, प्रखंड स्तर पर 37 व पंचायत स्तर पर 122 कोरेंटिन सेंटर बनाया गया है. सभी सेंटरों में कोरोना संदिग्ध लोगों को रखा गया है. उन्होंने यह भी कहा कि जिन 26 हजार 751 लोगों की स्वास्थ्य जांच की गयी है. यह आंकड़ा सात जून तक का है. स्वास्थ्य जांच का आंकड़ा अभी और बढ़ सकता है. क्योंकि दूसरे प्रदेशों से प्रवासी मजदूरों, छात्रों व अन्य लोगों का गुमला में आगमन जारी है.
डीपीआरओ देवेंद्रनाथ भादुड़ी ने बताया कि दूसरे प्रदेशों से लौटे गुमला जिले के 1721 प्रवासी मजदूरों का जॉब कार्ड बनाया गया है. ये सभी लोग कोरोना संदिग्ध हैं. जिन्हें कोरेंटिन सेंटरों में रखा गया है. ये लोग जब 14 दिन कोरेंटिन सेंटर में पूरा कर लेंगे और घर जाने लगेंगे तो इन्हें मनरेगा व अन्य विकास योजनाओं में रोजगार दिया जायेगा. जिससे ये लोग दोबारा पलायन करने के बारे में नहीं सोचेंगे.
डीपीआरओ ने कहा कि 1721 का जो आंकड़ा है. यह सात जून तक का है. आठ जून के बाद और प्रवासी मजदूर गुमला लौटे हैं. जिनका जॉब कार्ड बनाने का काम युद्धस्तर पर चल रहा है. उन्होंने यह भी बताया कि दूसरे प्रदेश से लौटे हजारों लोगों का पहले से जॉब कार्ड बना हुआ था. परंतु वे मौसम के अनुसार पलायन कर जाते थे और जब बरसात होती थी तो ये लोग वापस अपने गांव लौट आते थे.
अभी तक जितने भी प्रवासी मजदूर लौटे हैं. वे सभी रेड जोन से आये हैं. इसलिए प्रशासन ने एहतियात के तौर पर दूसरे प्रदेशों से लौटे प्रवासी मजदूरों को मनरेगा व अन्य योजना में रोजगार नहीं दिया है. प्रशासन के अनुसार अभी कहा नहीं जा सकता कि मजदूरों में कोरोना संक्रमण है या नहीं. इसलिए जब ये मजदूर 14 दिनों तक कोरेंटिन सेंटर व होम कोरेंटिन पूरा कर लेंगे. इसके बाद इन्हें सरकार की विभिन्न योजनाओं से जोड़कर रोजगार दिया जायेगा. इसलिए जबतक मजदूर कोरोना को हरा नहीं लेते. इन्हें फिलहाल मनरेगा में काम मिलने की उम्मीद कम है.
गुमला जिले से सात हजार से अधिक लोगों का कोरोना जांच के लिए सैंपल लेकर रांची व इटकी लैब में भेजा गया है. परंतु अभी भी करीब एक हजार सैंपल पेंडिंग है. सैंकड़ों सैंपल ऐसे हैं. जिनको कलेक्ट किये अब एक महीना होने जा रहा है. परंतु उसकी रिपोर्ट लैब द्वारा नहीं दी गयी है. जबकि इधर, मंगलवार को पुन: 125 लोगों का सैंपल लेकर रांची लैब भेजा गया है. यहां बता दें कि पूर्व में भेजे गये सैंपल पेंडिंग रहने के कारण कोरेंटिन सेंटर में रह रहे प्रवासी मजदूर परेशान हैं. आये दिन गुमला में मजदूर उग्र हो रहे हैं. कई लोगों ने भागने का प्रयास भी किया है. कुछ मजदूर मानसिक रूप से परेशान हो गये हैं.
प्रखंड – संदिग्ध लोग
बसिया – 687
भरनो – 2620
बिशुनपुर – 58
चैनपुर – 592
डुमरी – 141
घाघरा – 1457
गुमला सदर – 42
कामडारा – 898
पालकोट – 128
रायडीह – 308
सिसई – 39
गुमला शहर – 32
नगर भवन – 420
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टोटल – 7422 (सात जून तक की रिपोर्ट)
ऐसे समझें आंकड़ा
स्वास्थ जांच हुआ : 26751
होम कोरेंटिन हुए : 19329
कोरेंटिन सेंटर में हैं : 7422
Posted By: Amlesh Nandan Sinha.