भारत के राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की प्रतिमा को विकृत करना ‘अपमानजनक’ कार्य है. यह बात अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कही है. उन्होंने कहा कि गांधी की प्रतिमा को विकृत किया जाना अपमानजनक है. अफ्रीकी-अमेरिकी जॉर्ज फ्लॉयड के पुलिस हिरासत में मारे जाने के बाद देश भर में हुए विरोध प्रदर्शनों के दौरान महात्मा गांधी की प्रतिमा पर स्प्रे डाला गया और उसे नुकसान पहुंचाया गया था.
आपको बता दें कि भारतीय दूतावास के सामने वाली सड़क पर गांधी जी की प्रतिमा लगी हुई है जिसमें दो और तीन जून की दरम्यानी रात में तोड़फोड़ की गई. भारतीय दूतावास ने कानून लागू करने वाली स्थानीय एजेंसियों के समक्ष इसकी शिकायत दर्ज कराई है.
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इस घटना के बारे में पूछे जाने पर ट्रंप ने सोमवार को व्हाइट हाउस में कहा कि यह अपमानजनक है. भारतीय दूतावास ने मामले की शीघ्र जांच के लिए इसे विदेश मंत्रालय के समक्ष उठाया है. साथ ही मेट्रोपॉलिटन पुलिस और नेशनल पार्क सर्विस को भी इसकी जानकारी दी है. भारतीय दूतावास अमेरिकी विदेश मंत्रालय , मेट्रोपॉलिटन पुलिस और नेशनल पार्क सर्विस के साथ मिल कर प्रतिमा को ठीक करने के काम में लगा है. पिछले सप्ताह दो अमेरिकी सांसदों और ट्रंप के प्रचार अभियान ने प्रतिमा को विकृत किए जाने की घटना की निंदा की थी.
प्रेजीटेंड इंक के लिए डोनाल्ड जे ट्रंप के सलाहकार और ट्रंप विक्टरी फाइनेंस कमेटी के राष्ट्रीय अध्यक्ष किंमबर्ले गुइल्फोइले ने ट्वीट किया कि बेहद निराशाजनक” वहीं उत्तरी कैरोलाइना से सांसद टॉम टिलिस ने कहा कि महात्मा गांधी की प्रतिमा को विकृत देखना बेहद अपमानजनक है. उन्होंने कहा कि गांधी शांतिपूर्ण प्रदर्शनों के पुरोधा थे और उन्होंने दिखाया कि यह कितना बड़ा बदलाव ला सकता है. बलवा, लूट और तोड़फोड़ हमें एकजुट नहीं कर सकते. भारत के लिए अमेरिकी राजदूत केन जस्टर ने घटना के लिए माफी मांगी है. उन्होंने पिछले सप्ताह ट्वीट कर कहा था,वाशिंगटन डीसी में गांधी की प्रतिमा को विकृत किए जाने से दुखी हूं. कृपया हमारी माफी स्वीकार करें.
अमेरिका के शीर्ष सांसदों ने वाशिंगटन डीसी में महात्मा गांधी की प्रतिमा को क्षतिग्रस्त किए जाने को अपमानजनक बताया है और कहा कि ऐसी घटनाएं लोगों को साथ नहीं लाती हैं. भारतीय दूतावास के सामने स्थित प्रतिमा को ग्राफिटी और स्प्रे पेंटिग के जरिए नुकसान पहुंचाया गया जिसके बाद दूतावास ने स्थानीय कानून प्रवर्तन एजेंसियों के समक्ष इस संबंध में शिकायत दर्ज कराई. यह घटना मिनियापोलिस में 25 मई को पुलिस हिरासत में अफ्रीकी-अमेरिकी जॉर्ज फ्लॉयड की मौत के खिलाफ भड़के राष्ट्रव्यापी प्रदर्शनों के दौरान हुई.