संजीव सिंह, रांची : 101 शिक्षकों के नाम पर रांची विवि और डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी विवि (डीएसपीएमयू) ने सरकार से पैसे ले लिये. शिक्षकों के नाम पर दोनों विवि ने सरकार से कुल 19.80 करोड़ रुपये लिये. रांची विवि ने डीएसपीएमयू (पूर्व में रांची कॉलेज) के 101 शिक्षकों के नाम पर राज्य सरकार से सातवें वेतनमान के एरियर के रूप में 9.90 करोड़ रुपये लिये.
वहीं इन्हीं शिक्षकों के नाम पर डीएसपीएमयू ने भी 9.90 करोड़ रुपये सरकार से ले लिये. डीएसपीएमयू ने 9.90 करोड़ रुपये शिक्षकों के बीच तत्काल बांट भी दिये, जबकि रांची विवि ने जो 9.90 करोड़ लिये, वह उसके खाते में पड़े हैं. इधर बिना छानबीन किये तथा इतनी बड़ी रकम निर्गत करने से उच्च शिक्षा निदेशालय और ट्रेजरी की भूमिका पर सवाल उठने लगे हैं.
रांची विवि ने अतिरिक्त मिली रकम की नहीं दी थी जानकारी : राज्य सरकार ने जब एक जनवरी 2016 से 31 मार्च 2019 तक के लिए सातवें वेतनमान के एरियर भुगतान के लिए रांची विवि से व्यय भार मांगा, तो विवि ने कुल 99 करोड़ 60 लाख रुपये का प्रस्ताव सरकार के पास भेजा. रांची विवि ने इसमें डीएसपीएमयू (पूर्व में रांची कॉलेज) के भी 101 शिक्षकों को शामिल किया. इस बीच डीएसपीएमयू ने भी अपने 101 शिक्षकों के लिए सातवें वेतनमान के एरियर के लिए नौ करोड़ 90 लाख रुपये का अलग से प्रस्ताव भेज कर भुगतान करने की मांग की.
उच्च शिक्षा निदेशालय ने दोनों प्रस्ताव के आधार पर रांची विवि को कुल 109 करोड़ 50 लाख रुपये यह कह कर उपलब्ध कराये कि इनमें 99 करोड़ 60 लाख रुपये रांची विवि अौर नौ करोड़ 90 लाख रुपये डीएसपीएमयू के लिए हैं. निदेशालय ने विवि को यह निर्देश दिया कि उक्त राशि डीएसपीएमयू को दी जाये. रांची विवि ने नौ करोड़ 90 लाख रुपये डीएसपीएमयू को दिया. लेकिन रांची विवि ने खाते में आये कुल 99 करोड़ 90 लाख रुपये में डीएसपीएमयू के इन्हीं शिक्षकों के नाम पर मिले नौ करोड़ 90 लाख रुपये अपने पास ही रख लिये.
रांची विवि ने उस वक्त निदेशालय को इसकी जानकारी भी नहीं दी. इधर प्रभात खबर में रांची विवि द्वारा सरकार से एरियर के रूप में 50 करोड़ रुपये अधिक लिये जाने की खबर छपने के बाद जब जांच शुरू हुई, तो इस बात का खुलासा हुआ. फिलहाल विवि में इसे लेकर हड़कंप मचा हुआ है. वहीं निदेशालय व ट्रेजरी के अफसर भी सकते में हैं.
एरियर के नाम पर पर विवि ने पहले भी ले लिये थे करोड़ों रुपये, नहीं रुक रही अनियमितता
यह सही है कि सरकार से हम लोगों ने एरियर के रूप में 101 शिक्षकों के लिए नौ करोड़ 90 लाख रुपये मांगे थे. पीएल एकाउंट नहीं खुलने के कारण निदेशालय द्वारा उक्त राशि रांची विवि को भेज दी गयी थी. रांची विवि ने उक्त राशि हमें दे दी. विवि द्वारा राशि का भुगतान भी कर दिया गया है. अब निदेशालय ने रांची विवि को भी इन्हीं शिक्षकों के नाम पर पुन: इतनी बड़ी राशि भेज दी है, तो यह बड़ी चूक है.
डॉ एनडी गोस्वामी, रजिस्ट्रार, डीएसपीएमयू
Posted by : Pritish Sahay