नयी दिल्ली : सीएम अरविंद केजरीवाल द्वारा दिल्ली में सिर्फ दिल्ली निवासियों के इलाज की घोषणा के बाद स्वास्थ्य मंत्रालय ने इसको लेकर गाइडलाइन जारी कर दिया है. स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार जिन भी मरीजों के पास दिल्ली से जुड़े दस्तावेज होंगे, उन्हें अस्पताल में भर्ती लिया जायेगा. बताया गया है कि इन दस्तावेजों में आधारकार्ड, बैंक/पोस्ट/किसान खाता का पासबुक या राशन कार्ड होगा तो, ही दिल्ली के अस्पताल में भर्ती लिया जायेगा.
इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार दिल्ली सरकार ने दिल्ली के अस्पतालों में अब सिर्फ वहां के निवासियों का ही इलाज करने का फैसला किया है. सरकार का यह फैसला कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए किया गया है. सीएम केजरीवाल द्वारा घोषणा किए जाने के तुरंत बाद राज्य स्वास्थ्य विभाग ने इसके लिए जरूरी दस्तावेज की घोषणा कर दी.
किन दस्तावेजों की होगी जरूरत- दिल्ली सरकार के अनुसार अस्पताल में भर्ती होने के लिए दिल्ली का वोटर कार्ड, बैंक/किसान/पोस्ट ऑफिस का करेंट पासबुक, राशन कार्ड, पासपोर्ट, ड्राइविंग लाइसेंस या इनकम टैक्स रिटर्न के कागजात की जरूरत होगी. अगर ये कार्ड नहीं है, तो दिल्ली के बिजली बिल और पानी बिल पर मरीज या उनके परिजन का नाम होना अनिवार्य है.
दिल्ली में 29 हजार के करीब- दिल्ली में कोरोना मरीजों की संख्या 29 हजार के करीब पहुंच गयी है. बीते 24 घंटे में राजधानी में 1282 नये केस सामने आये हैं. वहीं राजधानी में अबतक कोरोना से 800 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है, 24 घंटे में 50 से अधिक लोग दम तोड़ चुके हैं. वहीं दिल्ली स्वास्थ्य विभाग के अनुसार राजधानी में अब भी तकरीबन 3800 बताया बेड खाली है.
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विपक्ष ने फैसले का किया विरोध- दिल्ली सरकार के इस फैसले पर विपक्ष ने विरोध जताया है. बीजेपी के नवनियुक्त अध्यक्ष आदेश कुमार गुप्ता ने कहा कि अरविंद केजरीवाल सरकार बाहरी और प्रवासी लोगों का मजाक उड़ा रही है. उन्होंने आगे कहा कि दिल्ली के सीएम ने इन्सानियत को ही शर्मसार कर दिया है. केजरीवाल सरकार के इस फैसले पर कांग्रेस ने भी हमला बोला है. कांग्रेस नेता अजय माकन ने कहा कि सरकार अपनी जिम्मेदारी से भाग रही है, इसलिए ऐसा कर रही है.
Posted By : Avinish Kumar Mishra