पटना : राज्य में स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने के लिए प्रत्येक उपभोक्ता से 91.09 रुपये प्रतिमाह वसूली के लिए बिजली कंपनी ने बिहार विद्युत विनियामक आयोग को प्रस्ताव दिया है. इस पर आयोग 26 जून को सुबह 11 बजे सुनवायी करेगा और आदेश के बाद ही यह लागू हो सकेगा. आयोग ने इस पर आम लोगों व संस्थानों से सुझाव और आपत्ति 23 जून को शाम पांच बजे तक मांगा है. बिजली कंपनी ने आयोग को दिये प्रस्ताव में बताया है कि राज्य में पहले चरण में 23 लाख 50 हजार स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने की योजना है. इसमें बिना मीटर वाले और आम उपभोक्ता, लघु उद्योग, कृषि कार्य सहित हर घर नल योजना के उपभोक्ता शामिल हैं.
बिजली कंपनी के प्रस्ताव के अनुसार 23 लाख 50 हजार स्मार्ट प्रीपेड मीटर में से सिंगल फेज के 19 लाख आठ हजार मीटर लगाये जायेंगे. थ्री फेज के चार लाख 28 हजार मीटर लगाये जायेंगे. साथ ही एलटी-सीटी के 14 हजार उपभोक्ताओं के यहां यह मीटर लगाने की योजना है. हो सकती है समस्या विशेषज्ञों का कहना है कि बड़े उद्योगों वाले उपभोक्ताओं के यहां स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने की योजना नहीं है.
यदि बिजली कंपनी के प्रस्ताव को आयोग से हरी झंडी मिल जाती है तो स्मार्ट प्रीपेड मीटर की लागत वसूली का भार आम उपभोक्ताओं पर पड़ेगा. साथ ही इस समय उपभोक्ताओं के द्वारा जो मीटर लगा है उसकी लागत बेकार हो जायेगी. स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगने से मीटर रीडिंग, बिजली बिल बनाने वाले, बिल की वसूली करने वाले और बिजली कनेक्शन काटने वालों की जरूरत नहीं रहेगी. इससे उनके सामने बेरोजगारी की समस्या आ सकती है.