नयी दिल्ली : देश में कोरोना का संक्रमण लगातार बढ़ता जा रहा है. पिछले 24 घंटे में 9971संक्रमण के नये मामलों के साथ भारत में कुल संक्रमितों की संख्या बढ़कर 246628 हो गयी है और 6929 लोगों की मौत भी हो चुकी है. संक्रमण के मामले में भारत ने इटली को भी पीछे छोड़ दिया है और दुनिया का पांचवां सबसे अधिक कोरोना संक्रमित देश बन गया है. बहरहाल कोरोना के बढ़ते संक्रमण के बीच एक राहत की खबर आ रही है. बताया जा रहा है कि देश में कोरोना अब कमजोर हो रहा है.
बताया जा रहा है कि कोरोना का संक्रमण भले ही तेजी से फैल रहा है, लेकिन यह उतना घातक नहीं है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार संजय गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान के मॉलिक्युलर मेडिसन ऐंड बायोटेक्नॉलजी विभाग के पूर्व प्रोफेसर डॉ मदन मोहन गोडबोले ने बताया कि कोरोना वायरस अब कमजोर हो रहा है. भले ही संक्रमितों की संख्या बढ़ेगी, लेकिन मौतों की संख्या कम होगी. उन्होंने विकास सिद्धांत की चर्चा करते हुए बताया कि दो तरह के वायरस होते हैं. एक जो काफी खतरनाक होता है और दूसरा कमजोर. खतरनाक वायरस का प्रसार कम लोगों तक होगा है, जबकि कमजोर वायरस तेजी से फैलता है.
प्रोफेसर गोडबोले के अनुसार दोनों वायरस के बीच अस्तित्व की लड़ाई शुरू हो जाती है और इसमें कमजोर वायरस की जीत होती है. उसके बाद केवल कमजोर वायरस बच जाता है. कमजोर वायरस के अधिक लोग संक्रमित होते तो हैं, लेकिन उनमें खतरा कम होता है. कुछ दिनों के बाद इंसान का शरीर खुद को वायरस से लड़ने के लिए तैयार भी कर लेता है. इसी सिद्धांत के आधार पर गोडबोले का मानना है कि कोरोना वायरस अब कमजोर हो रहा है और इससे संक्रमण के मामले तो तेजी से आएंगे, लेकिन मौतों की संख्या कम होगी.
गौरतलब है कि स्वास्थ्य विभाग के दो विशेषज्ञों ने दावा किया है कि कोरोना वायरस देश में सितंबर के मध्य तक पूरी तरह से खत्म हो जाएगा. कुछ वैज्ञानिकों ने दावा भी किया है कि जून और जुलाई में भारत में कोरोना वायरस के केस सबसे अधिक आएंगे.
खुद एम्स के डायरेक्टर ने भी इस बात पर अपनी सहमती दे दी है कि देश में जून-जुलाई में कोरोना के केस सबसे अधिक आयेंगे. इन दावों का असर अब दिखने भी लगा है. पिछले 8 दिनों से देश में कोरोना वायरस के नये केस में इजाफा हुआ है और 10 हजार से अधिक मामले सामने आने लगे हैं.
Posted By : arbind kumar mishra